शीतला माता मंदिर से निकली 121 कलशों की शोभायात्रा

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नगर में स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर में 30 मार्च को प्रात: 11 बजे 121 कलशों की शोभायात्रा निकाली गई। चैत्र नवरात्र के पावन अवसर पर 22 मार्च को 121 कलशों की स्थापना व जवारे बोकर माता-रानी के  नौ रूपों की आराधना आस्था व भक्तिभाव से की गई। 29 मार्च को हवन-पूजन कर अठवाईयां चढ़ाई गई एवं कन्याओं को भोज करवाया गया एवं 30 मार्च को मंदिर से प्रात: 11  बजे बैडबाजों व जस गायन के साथ 121 कलशों की भव्य शोभायात्रा निकाली गई जो  विभिन्न गलियों का भ्रमण करते हुए चनई नदी पहुंची जहां कलश व जवारों का विधि-विधान से पूजन-अर्चन व आरती कर जवारों को विसर्जित किया गया। तत्पश्चात सभी भक्तजन वापस मंदिर पहुंचे  जहां सभी को महाप्रसादी वितरण किया गया। इस अवसर पर शीतला माता मंदिर समिति पदाधिकारी सदस्य सहित गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

जवारों का किया विसर्जन

नगर के वार्ड नं. 1 अम्रत नगर में स्थित माँ सिहवाहिनी दुर्गा माता मंदिर में   कलश व ज्वारे बोकर चैत्र नवरात्र पर्व धार्मिक आस्था के साथ मनाया गया। 30 मार्च को सुबह 5 बजे से मंदिर मैं विशेष पूजा अर्चना कर हवन पूजा कर मनोकामना ज्योति कलशों की शोभायात्रा निकालकर जवारों का विसर्जन किया गया। इस 9 दिवसीय पर्व में में जस,भजन सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गये और भक्तजनों ने पहुंचकर धर्मलाभ अर्जित किये। इस अवसर पर समिति सदस्य सहित भक्तजनों का सराहनीय योगदान रहा। 

चर्चा में भक्त मनोज दांदरे ने बताया कि चैत्र नवरात्र पर्व आस्थापूर्वक मनाया गया। इस नौ दिवसीय पर्व में विविध कार्यक्रम कीर्तन-भजन व जसों का भी  आयोजन किया गया एवं अष्टमी पर 29 मार्च को हवन-पूजन, 30 मार्च को कलश व जवारो ंकी शोभायात्री निकाली गई जो भ्रमण करते हुए चनर्ई नदी पहुंची जहां जवारे विसर्जित की गई तत्पश्वात महाप्रसादी वितरण किया गया। श्री दांदरे ने बताया कि समिति द्वारा शारदेय व चैत्र नवरात्र पर्व धूमधाम से मनाया जाता है आगामी समय में यह पर्व और भव्य रूप में मनाया जायेगा। यह मंदिर करीब 300 वर्ष से ज्यादा पुराना है जहां पर नगर वासियों की गहरी आस्था है ग्राम देवी के रूप में यह मंदिर प्रसिद्ध है जहां से प्रत्येक व्यक्ति अपने शुभ कार्यों की शुरुआत करता है।

क्षेत्रीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने बताया कि प्रतिवर्ष 9 दिन माता रानी की आराधना क्षेत्र में की जाती है। इस दौरान विशेष रूप से हमारी माताएं बहने श्रद्धा पूर्वक माता रानी की पूजा आराधना करती है। 9 दिवसीय नवरात्र पर्व समापन पर हजारों की संख्या में क्षेत्र में ज्योति कलश विसर्जन किया जाता है। यह मनोकामना मांगने का प्रतीक होता है यह हमारी परंपरा रही है जो निरंतर चल रही है इससे निश्चित है की मनोकामनाएं पूर्ण हो रही है। श्री जायसवाल ने माता रानी से कामना कर कहा कि उनका आशीर्वाद सदैव क्षेत्र को मिलता रहे रामनवमी पर वह भी है ऐसे में राजाराम का जो राम राज्य है उसकी परिकल्पना को प्रत्येक जनप्रतिनिधि भूतल पर उतारने का प्रयास करें।

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