शोभा की सुपारी बने जल जीवन मिशन योजना से निर्मित वॉशबेसिंग

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लालबर्रा विकासखण्ड में स्थित शासकीय स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में पानी की समस्या को दूर करने के लिए शासन के द्वारा जल जीवन मिशन योजना के तहत करोड़ों रूपये खर्च कर नल कनेक्शन एवं वॉशबेसिंग का निर्माण कर शुध्द पानी पहुंचाने का प्रयास किया गया है परंतु यह योजना एक तरह से फ्लॉप साबित हो रही है और शासन के करोड़ों रूपये बर्बाद होते दिखाई दे रहे है जिसका उदाहरण शासकीय स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्र में लगाये गये वॉशबेसिंग व पानी की टंकी से लगाया जा सकता है। जहां ठेकेदारों के द्वारा जल जीवन मिशन के तहत स्कूलों व आंगनवाड़ी केन्द्रों में बॉशबेसिंग व पानी की टंकिया लगाई गई है परन्तु वहां गुणवत्ताहीन कार्य किया गया है जिसके कारण वर्तमान समय में विकासखण्ड के अधिकांश स्कूलों में कही की मोटर बंद, कही वॉशबेसिंग गायब तो कही की टोटियां चोरी व टूट-फुट हो चुकी है ऐसी स्थिति में स्कूली ब’चों को शुध्द पानी नही मिल पा रहा है। ऐसा ही एक मामला नगर मुख्यालय से लगभग ५ किमी. दूर ग्राम पंचायत मिरेगांव के शासकीय प्राथमिक स्कूल, डोकरबंदी स्थित शासकीय एकीकृत माध्यमिक स्कूल का सामने आया है जहां जल जीवन मिशन योजना के तहत वॉशबेसिंग का निर्माण एवं पानी टंकी लगाने के साथ ही मोटर लगा दिया गया है परन्तु वहां बंद है। साथ ही असामाजिक तत्वों के द्वारा तोड़-फोडक़र वॉशबेसिंग चोरी कर लिये गये है। वहीं शासकीय एकीकृत माध्यमिक स्कूल डोंकरबंदी की मोटर बंद है जिसके कारण विगत ४ माह से नल-जल योजना का शुध्द पानी नही मिल रहा है और स्कूल परिसर में स्थित हेंडपंप से दूषित पानी निकल रहा है ऐसी स्थिति में बच्चों एवं शिक्षकों को अपने घरों से पीने का पानी लाना पड़ रहा है।

करोड़ों खर्च के बाद भी नही मिल रहा शुध्द पानी

आपकों बता दे कि शासन के द्वारा शासकीय स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्र के बच्चों को पीने का शुध्द पानी व हाथ धोने के लिए पानी उपलब्ध करवाने के लिए जल जीवन मिशन के तहत करोड़ों रूपयों की लागत से वॉशबेसिंग का निर्माण व नल कनेक्शन किया गया है। इसी तरह लालबर्रा विकासखण्ड में भी पिछले वर्ष जल जीवन मिशन के तहत सभी शासकीय विद्यालयों व आंगनवाड़ी केन्द्र में वॉशबेसिंग व पानी की टंकी लगाकर शुध्द पानी प्रदाय करने के लिए कार्य करवाये गये है एवं नल-जल योजना का कनेक्शन भी किया गया है परन्तु अधिकांश स्कूलों में यह योजना सिर्फ शोभा की सुपाड़ी बनी हुई है। यानि निर्माण होने के बाद कुछ स्थानों पर शुरू तो हुआ है परन्तु एक-दो माह पानी मिलने के बाद बंद हो चुकी है एवं कुछ स्कूलों से नल की टोटी गायब हो चुकी है तो कुछ स्कूलों की मोटर बंद है जिसके संबंध में कई बार स्कूल प्रबंधन के द्वारा पंचायत व अपने उच्चाधिकारियों को अवगत भी करवा चुके है परन्तु समस्या का समाधान नही हो पा रहा है। जबकि जिस विभाग के माध्यम से ठेकेदार ने कार्य किया है उसकी जवाबदारी है कि जिस स्कूल व आंगनवाड़ी केन्द्रों में बॉशबेसिंग एवं नल कनेक्शन बंद है या खराबी आ चुकी है उसका मरम्मत कार्य करवाकर नल-जल योजना का शुध्द पानी पहुंचाये परन्तु उनके द्वारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा है जिसके कारण करोड़ों खर्च के बाद भी स्कूलों में बच्चों को शुध्द पानी नही मिल रहा है। इस तरह पीएचई विभाग के ठेकेदार की लापरवाही के चलते शासन की जल मिशन योजना एक तरह से व्यर्थ साबित होते नजर आ रही है और करोड़ों रूपयों की लागत से बने वॉशबेसिंग व नल कनेक्शन शोभा की सुपाड़ी बनी हुई है। शासकीय स्कूल स्कूल के ब’चे, उनके अभिभावक व ग्रामीणजनों ने शासन-प्रशासन से बंद पड़े स्कूलों के नल-जल योजना को सुधार कर पानी प्रदाय करने की मांग शासन-प्रशासन से की है।

दूरभाष पर चर्चा में बीआरसी श्रीराम तुरकर ने बताया कि लालबर्रा विकासखण्ड में स्थित शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में जल जीवन मिशन के तहत वॉशबेसिंग का निर्माण एवं पानी टंकी लगाई गई है जिसमें अधिकांश स्कूलों में नल-जल योजना का पानी मिल रहा है कुछ स्कूलों में बंद है जिसकी जानकारी स्कूलों से बुलवाई गई है उसके आधार पर उनका मरम्मत कार्य करवाकर नल-जल योजना का शुध्द पानी स्कूलों तक पहुंचाया जायेगा।

दूरभाष पर चर्चा में महिला एवं बाल विकास विभाग लालबर्रा प्रभारी परियोजना अधिकारी श्रीमती यशोदा भगत ने बताया कि लालबर्रा विकासखण्ड में २५२ आंगनवाड़ी केन्द्र भवन है जिसमें से २३५ केन्द्रों में जल जीवन मिशन के तहत वॉशबेसिंग का निर्माण एवं नल कनेक्शन किया गया है परन्तु उक्त कार्य गुणवत्तापूर्ण नही होने के कारण १०५ केन्द्रों में इस योजना का लाभ नही मिल रहा है जिसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।

दूरभाष पर पीएचई विभाग के प्रभारी एसडीओं विजय तिवारी से शासकीय स्कूल एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में जल जीवन मिशन के तहत निर्माण किये गये वॉशबेसिंग एवं नल कनेक्शन जो अधिकांश स्कूलों में बंद पड़े हुए है उसे सुधार कर पानी प्रदाय करने के संबंध में चर्चा करने का प्रयास किया गया परन्तु संपर्क नही हो पाया

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