वारासिवनी पद्मेश न्यूज़ श्री राम जन्मभूमि अयोध्या के तीर्थ क्षेत्र के नूतन मंदिर में भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर श्रीरामलला महोत्सव समिति द्वारा श्रीराम मंदिर परिसर में 24 जनवरी को श्रीराम कथा का आयोजन किया गया। जिसमे श्री राम मंदिर स्थित भवन में विधि विधान से प्रातः 10:00 बजे से पूजा अर्चना प्रारंभ की गई। जिसके बाद श्रीरामलला महोत्सव समिति के द्वारा नगर के वॉर्ड नंबर 9 स्थित संत शिरोमणि महर्षि वाल्मीकि के मंदिर से वारासिवनी में पहली बार 1008 कलशों की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा वाल्मीकि मंदिर से प्रारंभ हुई जो गोलीबारी चौक, अम्बेडकर चौक, नहेरु चौक, जय स्तम्भ चौक से वापस नेहरू चौक कटंगी रोड़ से कटंगी चौक से सब्जी बाजार होते हुए श्रीराम मंदिर पहुंची। जहां पर शोभायात्रा का समापन किया गया इस दौरान करीब 500 मीटर लंबी शोभायात्रा एवं भगवान राम लक्ष्मण माता सीता सहित अन्य भगवानों की जीवंत झांकी आकर्षण का केंद्र रही वही सभी श्रद्धालु जय श्री राम के उद्घोष एवं डीजे पर बज रहे गीतों पर जमकर झूमते नजर आये। इस पूरी शोभायात्रा के दौरान नगर में जगह-जगह विभिन्न लोगों के द्वारा पानी और दूध का वितरण शोभायात्रा में शामिल नागरिकों को किया गया। शोभायात्रा विश्राम के पश्चात श्री राम मंदिर परिसर में भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना की गई वही नोखा राजस्थान से पधारे कथा वाचक संत माधवदास महाराज द्वारा व्यास आसन की पूजा कर आसन पर विराजित होकर भगवान श्रीरामलला के बारे में अवगत करवा कर कथा का प्रारंभ किया गया एवं मंगलाचरण कर शाम 5 बजे पहले दिन की कथा विश्राम की गई। जिसमें 25 जनवरी को शिव पार्वती विवाह की कथा पर संगीतमय प्रवचन दिया जाएगा। इस अवसर पर वारासिवनी-खैरलाँजी क्षेत्र के विधायक विवेक पटेल पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती स्मिता जायसवाल नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सरिता मनोज दांदरे सुदेश सोनी अनिल पिपरेवार विवेक जुझार विक्की ऐड़े नीरज अरोरा दीप चौहान अभिषेक अग्रवाल श्याम बोकडे संजय मांधाता जगदीश नेमा हर्षित रेड्डी संजय रूसिया राकेश सोनी विनय सुराना भेजेन्द्र चौधरी सहित बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद रहें।
कलश यात्रा में जगह-जगह हुई पुष्प वर्षा
नगर में पहली बार भव्य कलश यात्रा वाल्मीकि मंदिर से निकल गई इस दौरान नगर में अपने घरो व दुकानों के सामने खड़े लोगों के द्वारा शोभायात्रा में कलश पकड़े हुई महिलाओ पर पुष्प वर्षा की गई। इसी के साथ जय श्री राम नारों ने जयघोस के साथ कलश यात्रा पुरे नगर का भृमण करने के पश्चात श्रीराम मंदिर पहुंची जहाँ शोभायात्रा का समापन कर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में नगर सहित क्षेत्र के लोगों ने उपस्थित होकर प्रसाद ग्रहण कर धर्म लाभ अर्जित किया जिसके बाद श्री राम कथा प्रारंभ की गई।
समर्पण के भाव से ईश्वर की कृपा बढ़ती है – संत माधवदास महाराज
श्रीमद भागवत महापुराण में व्यास आसन पर विराजित संत माधवदास महाराज ने श्रीराम कथा का संगीतमय वाचन करते हुए भगवान श्री कृष्ण की लीला का वर्णन करते हुए कहा की भगवान श्री कृष्ण ने मित्र प्रेम का आचरण अपने सखा सुदामा के साथ प्रस्तुत किया जो कालांतर तक अविस्मरणीय एवं प्रेणनादायी रहेगा। द्वारका में सुदामा के पहुंचने पर अपने मित्र को अपने गले से लगाया और ज़ब बिदाई का समय आया तों सुदामा के पास चावल की पोटरी थीं भगवान ने उसमे से एक मुट्ठी खाई तों एक लोक दान किया दूसरी खाई तों दूसरा लोक दान दिया। भगवान ज़ब भक्त की परीक्षा लेते है और उसके बाद ज़ब कृपा करते है तों संसार का सुख भी उसे दे देते है परंतु यह उसे समय ही संभव हो पता है जब व्यक्ति स्वयं में समर्पण का भाव रखता है।