2 सितम्बर को हुई सिद्धार्थ शुक्ला की मौत के बाद 3 सितम्बर को उनका अंतिम संस्कार ओशिवारा श्मशान घाट में हुआ था। एक्टर के अंतिम संस्कार कवर करने के लिए श्मशान घाट के बाहर मीडिया रिपोर्टर्स की भीड़ जमा हुई थी, हालांकि इसे देखकर अनुष्का शर्मा, हुमा कुरैशी, जरीन खान, दिशा परमार जैसे कई सेलेब्स पैपराजी पर भड़के थे। अब इन लोगों में एक्टर साकिब सलीम का नाम भी शामिल हो चुका है, हालांकि एक्टर की मानें तो मीडिया के साथ-साथ सेलेब्स भी इस कल्चर के दोषी है।
साकिब ने इंस्टाग्राम अकाउंट की स्टोरी में भड़कते हुए लिखा, पिछले कुछ दिनों से कुछ कहना चाह रहा था। बीते दिन कई लोगों के लिए काफी मुश्किल साबित हुए हैं। मैं सिद्धार्थ को पर्सनली नहीं जानता था, फिर भी लग रहा है कि किसी अपने को खो दिया। एक यंग और गुड लुकिंग व्यक्ति अचानक चला गया। सोच भी नहीं सकता कि परिवार पर क्या गुजर रही होगी। अंतिम संस्कार के वीडियोज और फोटोज देख रहा था, ये देखकर मेरा दिल टूट गया है कि हम कितने असंवेदनशील बन गए है। हमारे लिए हर चीज सिर्फ कंटेंट बन गई है। सभी ऑनलाइन मीडिया पोर्टर्ल्स अंतिम संस्कार की वीडियोज से भरे पड़े हैं।

आगे एक्टर ने लिखा, मैं अपनी हिंदी फिल्म मीडिया को देखकर भड़का हूं जो सिद्धार्थ के परिवार से मिलने आए सेलेब्स को रोककर तस्वीरें मांग रहे हैं। शोक मनाने आए व्यक्ति के चेहरे में कैमरा चिपकाना सबसे ज्यादा अमानवीय चीजों में से एक होना चाहिए। आपको तस्वीरें चाहिए, तो ले लीजिए, लेकिन किसी को शोक तो मनाने दो।

खुद को शहनाज गिल की जगह रखकर देखो- साकिब
एक्टर ने शहनाज के कवरेज पर कहा, मैंने शहनाज गिल का एक वीडियो देखा जिसमें वो कार से उतर रही थी और सेकड़ों कैमरामैन उनके सामने थे। एक बार के लिए खुद को उसकी जगह रखकर देखो और सोचो कि तुम्हें कैसा लगता। अगर मैं उसकी जगह होता तो जाहिर तौर पर हाथ उठा देता। किसी व्यक्ति ने अपने करीबी को खो दिया और लोगों को वो कंटेंट लग रहा है। एक्सक्लूसिव तस्वीरें और वीडियोज लेने की रेस में हमने अपनी बाउंड्री खो दी है।
सेलेब्स भी हैं दोषी- साकिब
आगे साकिब ने सेलेब्स पर भड़कते हुए लिखा, हमने ये सर्कस बनाया है। हम इन फोटोग्राफर्स को अपनी जिंदगी में आने देते हैं। उन्हें बताते हैं कि किस समय हम जिम जाते हैं, कब खाना खाने रेस्टोरेंट जाते हैं। अपना फ्लाइट शेड्यूल बताते हैं जिससे वो एयरपोर्ट पहुंच कर हमारी तस्वीरें ले सकें। वो हमसे पैसे लेते हैं और हम खुशी से देते हैं। मैं इस पोस्ट से ये बताना चाहता हूं कि जिंदगी इन सबसे ऊपर है। जिंदगी फीलिंग्स, इमोशन्स और रिश्ते से बनी है।










































