पंजाब में चल रहे सियासी विवाद के बीच नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज पहली बार अपनी कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए 53 लाख परिवारों का बिजली बिल माफ कर दिया दिया। पंजाब सरकार के इस फैसले से सरकार के खजाने पर करीब 1200 करोड़ रुपए का भार आएगा। ऐसा माना जा रहा है कि पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए चन्नी सरकार ने यह फैसला लिया है। पंजाब कांग्रेस में लगातार चल रही आपसी खींचतान के बीच सरकार अब डैमेज कंट्रोल में लगी हुई है। बिजली बिल माफ करने का ऐलान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके की।
सीएम चन्नी बोले, आज सिद्धू से बात की, सुलझा लेंगे मामले
वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पंजाब कांंग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू से आज सुबह फोन पर बात हुई थी, उनके साथ बैठकर सभी मसले सुलाझा लिए जाएंगे। हालांकि इस मामले पर सीएम चन्नी ज्यादा कुछ बोलने से बचे और ज्यादा सवालों के जवाब नहीं दिए।
ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान भी अब नवजोत सिंह सिद्धू को ज्यादा मनाने के मूड में नहीं है और पार्टी अब पंजाब में नए कांग्रेस अध्यक्ष के लिए नए चेहरों पर विचार करने लगी है। गौरतलब है कि पंजाब में मंगलवार को नए मंत्रिमंडल के गठन के बाद सिद्धू ने नाराज होकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसा माना जा रहा है कि अपने पसंद की नियुक्ति नहीं किए जाने से सिद्धू काफी नाराज थे। सिद्धू के इस्तीफे पर पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि सिद्धू अस्थिर व्यक्ति हैं और पंजाब को स्थिर सरकार नहीं दे सकते हैं।