मंदसौर में सीतामऊ फाटक क्षेत्र में रेलवे ओवरब्रिज पांच साल बाद बनकर तैयार हो गया है। टी आकार में बने इस ब्रिज का महू-नीमच राजमार्ग वाले हिस्से का लोकार्पण 2018 में ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान कर चुके हैं। वहीं अब रेलवे लाइन के ऊपर वाले हिस्से का लोकार्पण सांसद सुधीर गुप्ता व विधायक यशपालसिंह सिसौदिया सात अप्रैल को सुबह करेंगे। हालांकि बताया जा रहा है कि पहले इस ब्रिज का लोकार्पण आठ अप्रैल को जावरा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से कराने की योजना थी, पर उनका दौरा निरस्त होने के बाद अब कार्यक्रम यहीं किया जा रहा है। ब्रिज के चालू होने से जिले के बड़े हिस्से को राहत मिलेगी। भानपुरा, गरोठ, सीतामऊ, शामगढ़, झालावाड़ तरफ जाने वाले लोगों का अब कम से कम आधा घंटा बचेगा।
मंदसौर में वर्ष 2014 के रेल बजट में सीतामऊ फाटक पर रेलवे ओवरब्रिज की स्वीकृति मिली थी। केंद्र सरकार व मप्र शासन के सहयोग से बने ब्रिज का कार्य 2016 में शुरू हुआ था। मप्र सेतु विकास निगम ने 2018 में महू-नीमच राजमार्ग वाला छोर बनकर तैयार कर दिया था। महू-नीमच राजमार्ग वाली भुजा पर यातायात शुरू करने के लिए अगस्त 2018 में जनआशीर्वाद यात्रा लेकर जिले में आए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के वाहन को सबसे पहले ब्रिज से निकलवाकर इसका लोकार्पण कर दिया था। इसके बाद रेलवे लाइन के ऊपर का कार्य बचा होने से सीतामऊ रोड वाली भुजा चालू नहीं हो पा रही थी। अब कार्य पूरा हो गया है तो इसका लोकार्पण सात अप्रैल से कर दिया जाएगा। सीतामऊ मार्ग का यातायात भी ब्रिज से चालू होने से बस यात्रियों, छोटे वाहनों सहित सभी को राहत मिलेगी। वहीं यातायात भार भी बढ़ जाएगा।
सीतामऊ फाटक रेलवे ओवरब्रिज का लोकार्पण सात अप्रैल को सुबह 9ः30 बजे होगा। कार्यक्रम में अतिथि भाजपा राष्ट्रीय सहकोषाध्यक्ष एवं सांसद सुधीर गुप्ता, विधायक यशपालसिंह सिसौदिया भाजपा जिलाध्यक्ष नानालाल अटोलिया, मंडल अध्यक्ष अरविंद सारस्वत, अजय आसेरी, ग्रामीण मंडल नरेंद्र पाटीदार सहित पदाधिकारी रहेंगे। इस दौरान रेलवे व मप्र सेतु विकास निगम के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
बनने के बाद से ही उखड़ रहा है ब्रिज
लगभग 58 करोड़ रुपये में तैयार हुए ब्रिज में मप्र सेतु विकास निगम द्वारा बनाए गए हिस्से में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ है। ब्रिज के महू-नीमच राजमार्ग वाले हिस्से पर यातायात प्रारंभ हुए अभी महज 30 माह ही हुए है और ब्रिज पर बनाई गई घटिया सीसी कई जगह से उखड़ गई है। इसे बनने के बाद से लगभग चार से पांच बार रिपेयर किया जा चुका है। फरवरी में समस्या बढ़ने पर खराब सीसी के आस-पास से भी पूरी खुदाई कर काम किया गया। सरिये भी बाहर निकालकर फिर से सीमेंट कांक्रीट किया गया है।
राजनीतिक दबाव बनाता रहा ठेकेदार, दबते रहे अधिकारी
ओवरब्रिज के बनते समय यहां पदस्थ रहे मप्र सेतु विकास निगम के अधिकारी भी चले गए हैं। वहीं ठेकेदार गुजरात का होने से घटिया निर्माण का होने के बाद भी वह वर्तमान अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव बनाता रहा है। इसी चक्कर में ठेकेदार ने ठीक से काम भी नहीं किया है और अब नतीजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। ब्रिज पर जगह-जगह से सीमेंट कांक्रीट उखड़ने से परेशानी वाहन चालकों को भी परेशानी हो रही है और सेतु विकास निगम के अधिकारियों से भी जवाब देते नहीं बन रहा है। ब्रिज पर सीमेंट कांक्रीट करने के बाद उस पर डामर की एक पतली लेयर भी नहीं चढ़ाई गई है इससे सीमेंट की सरफेस चिकनी होने के बाद वाहन चालकों द्वारा ब्रेक लगाने के बाद भी वाहन फिसल रहे हैं। टायरों की पकड़ बनाने के लिए सीमेंट पर डामर की एक पतली लेयर बनाना बहुत आवश्यक है।
रेलवे के ऊपर वाले हिस्सा केंद्र का, इसलिए दुबारा लोकार्पण
हालांकि ऐसे बहुत कम उदाहरण मिलते हैं जिनमें एक ही निर्माण के दो बार लोकार्पण हुए हो। सीतामऊ फाटक पर बने टी आकार के रेलवे ओवरब्रिज में भी यही हो रहा है क्योंकि पांच अगस्त 2018 को रात में इस ब्रिज के महू-नीमच राजमार्ग वाले हिस्से का लोकार्पण मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान कर चुके हैं। इसके बाद अब रेलवे के ऊपर वाली स्लेब तैयार हुई है चूंकि रेलवे केंद्र सरकार की है तो सांसद सुधीर गुप्ता ने इसके फिर से लोकार्पण के चक्कर में एक माह से ब्रिज को खोलने से रोक रखा है। पहले वह 8 अप्रैल को जावरा में एक्सप्रेस वे का निरीक्षण करने आ रहे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से इसका लोकार्पण कराना चाहते थे, उनका दौरा निरस्त हो गया है।