संदेशखाली मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। ममता बनर्जी सरकार ने हाई कोर्ट द्वारा मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन सर्वोच्च अदालत ने तत्काल सुनवाई में इनकार कर दिया।
इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो की एक टीम ने मंगलवार को निलबिंत टीएमसी नेता शेख शाहजहां को हिरासत में लेने के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्यालय पहुंची। राज्य सीआईडी ने एक याचिका का हवाला देते हुए आरोपी को सौंपने से इनकार कर दिया। ऐसे में सीबीआई टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। याचिका बंगाल सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायक की गई है।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
इससे पहले सरकार ने संदेशखाली गांव में ईडी टीम पर 4 जनवरी को हुए हमले की जांच को सीबीआई को स्थानांतरित करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी। वह सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। शाहजहां कथित तौर पर राशन घोटला मामले में छापेमारी के दौरान ईडी टीम के हमले के बाद से फरार था। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे बंगाल पुलिस की हिरासत में रखा गया।
फरार रहने के दौरान शेख शाहजहां संदेशखाली में महिलाओं के नेतृत्व वाले प्रदर्शनों में केंद्रीय व्यक्ति के रूप में सामने आए। जिसमें उनपर और अन्य स्थानीय टीएमसी नेताओं पर गांव में यौन हिंसा का आरोप लगाया गया। मामले बढ़ने पर उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी का आदेश दिया।