सेना की 11 और महिला अधिकारियों को मिलेगा स्थायी कमीशन, सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद हुआ फैसला

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भारतीय सेना में महिला अधिकारियों की बराबरी की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। उनकी इस लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट ने पूरा साथ दिया है। एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद केंद्र सरकार 11 महिला अफसरों को भी परमानेंट कमीशन ( PC)देने को तैयार हो गया है। केन्द्र ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि 10 दिनों के भीतर इन महिला अधिकारियों को परमानेंट कमीशन मिलेगा। साथ ही जो भी योग्य अफसर हैं और कोर्ट में अपील नहीं की, उन्हें भी तीन हफ्ते में PC मिलेगा। केन्द्र ने ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि जिन अफसरों के पास विजिलेंस और अनुशासनात्मक क्लीयरेंस हैं, वो सभी PC के लिए हकदार होंगी। ऐसी महिलाओं पर विचार करने के लिए कोर्ट ने एक महीने का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि जिन्हें PC देने से इनकार किया जाए, उन्हें एक स्पीकिंग आदेश जारी किया जाए।

इससे पहले, सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन के मामले में सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का केस चलाने की चेतावनी दी थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने चेतावनी दी थी, ‘हम सेना को अवमानना का दोषी ठहराएंगे। सेना अपने क्षेत्र में सुप्रीम हो सकती है, लेकिन संवैधानिक कोर्ट अपने क्षेत्राधिकार में सुप्रीम है।’ इसके बाद केंद्र सरकार रवैये में बदलाव आया।

केंद्र की ओर से ASG संजय जैन ने ये जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी। उन्होंने बताया कि दस दिन में के भीतर इन महिला अफसरों को स्थायी आयोग दे दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुल 72 महिला अफसरों में से एक ने रिलीज मांगी है। 35 में से 21 याचिकाकर्ताओं को PC दिया जा चुका है,एक पर विचार हो रहा है। इसके अलावा14 महिला अफसरों में से तीन मेडिकल तौर पर अनफिट पाई गई हैं। शेष 11 अफसरों को दस दिनों के भीतर PC दिया जाएगा.जिन महिला अफसरों का मामला कोर्ट में नहीं हैं, लेकिन वो योग्य हैं, उनको भी 20 दिन में PC देने पर विचार किया जाएगा।

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