सौरभ शर्मा केस में बड़ा खुलासा! सामने आया पूर्व RTO कॉन्स्टेबल के लिए कौन बने घर के भेदी

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भोपालः मध्य प्रदेश में हुई देश की सबसे बड़ी सोने की जब्ती मामले की गूंज पूरे देश में हैं। परिवहन विभाग के पूर्व कॉन्स्टेबल के पास करोड़ों रुपये नकदी, 54 किलो सोना, कई क्विंटल चांदी मिलने की खबर से हड़कंप मचा है। ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि वर्ष 2021 में नौकरी छोड़ने वाला सौरभ शर्मा का 3 साल बाद इतने माल एक साथ कैसे पकड़ में आ गया है। इसका जवाब है तो इसका जवाब है सौरभ ने अपने नजदीकियों के साथ ही धोखा कर दिया था। ऐसे में इन करीबियों ने ही बदला लेने के लिए सौरभ की शिकायत लोकायुक्त में कर दी थी।

शिकायत के पहले मामले की शुरुआत पेट्रोल पंपों को लेकर हुई। कालेधन के मालिक सौरभ के भोपाल और औबेदुल्लागंज में पेट्रोल पंप हैं। कुछ दिनों पहले एक पेट्रोल पंप के विक्रेता से सौरभ का विवाद हुआ था। लेकिन, उस समय अपने पावर का इस्तेमाल करके उसे पटखनी दे दी। बाद में सौरभ अपने दो पार्टनर से भी अलग हो गया। इस बात की कसक उसके पाटर्नर के मन में बनी रही।

पार्टनर्स बने घर के भेदी

सबक सिखाने के लिए सौरभ के दो करीबियों ने पेट्रोल पंप विक्रेता को मोहरा बनाया और उसके माध्यम से आरटीओ कॉन्स्टेबल की काली कमाई की शिकायत लोाकायुक्त में करी दी। सटीक मुखबिरी कर उसके घर और ऑफिस से 2.95 करोड़ रुपए कैश, 235 किलो चांदी सहित 7.98 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त करवा दी।

बताया जा रहा है कि मेंडोरी के जंगल में स्थित जिस फॉर्म हाउस में करीब 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए नकद भरी कार मिली है, उस फॉर्म हाउस का मालिक सौरभ का करीबी रिश्तेदार है।

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