हवा में बीएसएनल का 4-जी आदेश

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 आज हम एक ऐसी खबर पर बात करेंगे जिसे सुनकर शायद आपको अच्छा भी लगे और आश्चर्य भी हो और थोड़ा दुख भी दरअसल कुछ दिन पहले जिला प्रशासन की ओर से एक खबर रिलीज की गई जिसमें बीएसएनएल को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा बजट जारी किए जाने की जानकारी दी गई।  यह खबर जिले के लिए इसलिए बड़ी दिखाई दी क्योंकि जिले के 122 गांव का चयन किया गया जिसमें 4 जी के टावर लगाने की योजना का भी वर्णन किया गया था।
आश्चर्यजनक वाली बात
दरअसल यह खबर हमें थोड़ी सी आश्चर्यजनक लगी इसलिए हमने इस खबर की तह तक जाने की कोशिश की बीएसएनएल विभाग के कनिष्ठ अधिकारी से लेकर वरिष्ठ अधिकारी से जानकारी लेने की कोशिश की,  कि बीएसएनएल बालाघाट जिले की भीतर 4 जी सेवाएं कब से शुरू कर रहा है।  122 गांव में बीएसएनएल कब तक 4जी सेवाएं बहाल कर देगा।
प्रशासन ने भेजी थी न्यूज
शायद हमारा सवाल अधिकारियों को थोड़ा आश्चर्यजनक लगा उन्होंने उल्टा हमसे सवाल किया कि आप तक यह जानकारी कैसे पहुंची बात जनसंपर्क विभाग द्वारा भेजे गए समाचार तक पहुंची तो पता चला कि यह खबर क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय द्वारा जनसंपर्क को प्रकाशित करने के लिए दी गई थी।
नही आया कोई आदेश
बीएसएनएल के अधिकारियों ने बताया कि उनके पास अभी तक कोई ऐसा आदेश नहीं आया है।  जिसमें जिले के भीतर 4त्र सेवा प्रारंभ करने जैसा कोई आदेश हुआ।  बालाघाट जिला मुख्यालय के भीतर अब तक कोई 4त्र सेवा स्टार्ट नहीं हो पाई है तो गांव में स्टार्ट करना दूर की बात है।
सरकार जिम्मेदार स्थिति खराब
हाल ही में रिटायरमेंट होने वाले बीएसएनएल कर्मचारियों अधिकारियों ने तो यहां तक कह दिया कि सरकार बीएसएनएल की बदहाल स्थिति के लिए जिम्मेदार है,  निजी कंपनियां आगामी दिनों में 5 जी लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। बीएसएनल को अब तक 4 जी लॉन्च करने की अनुमति नहीं मिली है।
तब 4 जी किसी काम का नही
यदि आज अनुमति मिल भी गई तो पूरी प्रक्रिया में लगभग 2 वर्ष का समय लग जाएगा।  जब तक 5 जी  टेलीकॉम बाजार में आम बात हो चुकी होगी उस समय कोई 4 जी लेना पसंद भी नहीं करेगा। नतीजा वर्तमान समय की तरह सरकार यही कहते हुए बीएसएनल से किनारा कर लेगी कि 5 जी के सामने 4 जी नहीं टिक पाएगा। और शायद यह पूरी योजना ठंडे बस्ते में चले जाएगी।

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