संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद, यानी UNSC ने सोमवार को अब्दुल रहमान मक्की को ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया है। अब्दुल रहमान मक्की भारत में हुए 26/11 हमले के मास्टरमांइड हाफिज सईद का बहनोई है।
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने अपने बयान में कहा कि सुरक्षा परिषद समिति ने अब्दुल रहमान मक्की को ISIL (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। इसके बाद आतंकी मक्की की संपत्ति जब्त होगी, उसकी यात्रा पर प्रतिबंध लगेगा।
UN में भारत के राजदूत बोले- अभी और आतंकियों को इस लिस्ट में शामिल कराएंगे
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने अब्दुल रहमान मक्की के ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा की इससे दुनिया में ये समझ बन रही है कि चीन भारत को रोक नहीं सकता है। चीन ने भारत के लोगों की न्याय की मांग में रोड़े अटकाए थे। उन्होंने कहा कि अभी कई और भी हैं जिन्हें ग्लोबल आतंकी घोषित करवाना है। अब्दुल रहमान को ग्लोबल आतंकी घोषित करने वाली कमिटी ने उसे भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। जिसमें 22 दिसंबर 2000 में लाल किले पर हुआ हमला भी शामिल है। लश्कर ए तैयबा के 6 आतंकियों ने लाल किले में घुसकर सुरक्षाबलों पर फायरिंग की थी। इस अटैक में सेना के दो जवान समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी।
जून में चीन ने वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचाया था
मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित कराने में भारत और अमेरिका ने अहम भूमिका निभाई है। पिछले साल जून में चीन ने UNSC में वीटो के जरिए पाकिस्तान स्थित लश्कर आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होने से बचा लिया था। मक्की के खिलाफ भारत और अमेरिकी में ज्वाइंट प्रपोजल लाया गया था। हालांकि, इस बार चीन ऐसा नहीं कर पाया।
कश्मीर में हिंसा कराने का दोषी 74 साल का मक्की आतंकी संगठन लश्कर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। मक्की, भारत, खासकर जम्मू-कश्मीर में हिंसा और हमलों को अंजाम देने के लिए योजना बनाने, धन जुटाने, आतंकियों की भर्ती करने और युवकों का ब्रेनवॉश कर कट्ट्रपंथी बनाने के काम में शामिल रहा है। अमेरिका पहले ही अब्दुल रहमान मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर चुका है। भारत ने भी UAPA के तहत इसे आतंकी घोषित कर रखा है।