२ दिन से लापता नेकलाल का शव कुएँ से हुआ बरामद

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बोटेझरी निवासी ५० वर्षीय नेकलाल नागेश्वर का शव ९ अगस्त की दोपहर में पुलिस ने खेत के कुएं से बरामद किया। इसमें बताया जा रहा है कि नेकलाल नागेश्वर बीते करीब दो दिन से लापता था जिसकी पतासाजी परिजनों के द्वारा की जा रही थी। मामले में पुलिस के द्वारा आवश्यक कार्यवाही कर जांच प्रारंभ कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान नेकलाल पिता तेजलाल नागेश्वर उम्र ५० वर्ष अपने परिवार के साथ बोटेझरी के वार्ड नंबर ११ में निवास करता था। जो ७ अगस्त की दोपहर २ बजे घर से बिना बताए कहीं चले गया था जो रात तक घर नहीं आने पर परिवार के द्वारा आसपास पता किया गया। किंतु कहीं पता नहीं चला ९ अगस्त को मृतक का छोटा बेटा खेत गया जिसे कुएँ से बदबू आने पर देखा तो कुएँ में शव था। जो उसे उसके पिता का लगने पर परिजनों एवं ग्रामीणों को जानकारी दी की विक्रम सिंह चंदेल के खेत के कुएं में एक व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है। यह घटना गांव में तेजी से आग की तरफ फैल गई जहां ग्रामीणों की भीड़ लग गई। मौके पर पुलिस के द्वारा उपस्थित होकर ग्रामीणों के साथ शव को बाहर निकाला गया। जिसकी पहचान नेकलाल नागेश्वर के रूप में की गई जिसके बाद पुलिस ने मामले में आवश्यक पंचनामा कार्यवाही कर शव को सुरक्षित सिविल अस्पताल वारासिवनी के शव विच्छेदन गृह में रख दिया। जहां १० अगस्त को शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया वहीं मामले में मर्ग कायम कर जांच प्रारंभ कर दी है। पुलिस को प्रार्थी अनिल नागेश्वर ने बताया कि मंै ग्राम बोटेझरी रहता हूँ खेती किसानी का काम करता हूँ। हम लोगो ने गाँव के विक्रमसिंह चंदेल का खेत अधिया में लिये है। मेरे पिता जी नेकलाल नागेश्वर कभी भी घर से चले जाते थे एवं २ से ३ दिन में वापस आ जाते थे । ७ अगस्त को भी मेरे पिता जी घर से बिना किसी को बताये चले गये थे तो हम लोग ने सोचा कि आ जायेंगे। ९ अगस्त की दोपहर २ बजे मेरा छोटा भाई सुनील नागेश्वर विक्रमसिंह के खेत में पानी देखने गया था तो उसने कुँये में देखा तो पिता जी का शव कुँये में पड़ा था। उसके बाद मेरे छोटे भाई सुनील नागेश्वर ने मुझे फ ोन लगा कर बताया कि पिता जी का शव विक्रम चंदेल के कुँये में दिख रहा है। तब मैं मेरी मम्मी एवं मोहल्ले के कुछ लोग जाकर देखे तो मेरे पिता जी का शव विक्रम चंदेल के कुँये में था। पानी में पड़े रहने से शव पानी के ऊपर आ गया था। मेरे पिता जी नेकलाल नागेश्वर की मौत कुँये के पानी में डूबने से ही हुई है।

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