अंत्येष्टी अनुग्रह सहायता राशी से हितग्राही वंचित

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श्रम विभाग मध्यप्रदेश द्वारा श्रमिकों के लिये चलाई गई संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल योजना से प्राप्त होने वाली अनुग्रह राशि प्राप्त न होने का मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है की वारासिवनी जनपद पंचायत सहित जिले की अनेक जनपद पंचायतों में जिन व्यक्तियों की मृत्यु हुई है उन्हे ६ हजार रूपये की अंत्येष्टी राशी प्राप्त नही हो रही है। हालांकि अधिंकाशता लोगों के खाते में इस योजना अंर्तगत मिलने वाली २ लाख रूपये की राशि आ गई है मगर अंत्येष्टी के लिये मिलने वाले ६ हजार रूपये की राशि से वे आज भी महरूम है। बताया जा रहा है कि पूरे है की वारासिवनी जनपद पंचायत अंर्तगत करीब २७ लोग है वही जिले में करीब ऐसे कई सैकड़ों लोग है जो आज भी अंत्येष्टी सहायता राशि से वंचित है।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश भवन एवं संनिर्माण कार्य में कार्यरत पंजीकृत मजदूरों को शासन मृत्यु उपरांत तत्काल अंत्येष्टी के लिये सर्वप्रथम ६ हजार रूपये की सहायता राशि मुहैया कराती है। जिसके बाद मृतक के आश्रितों को दो लाख रूपये की अनुग्रह राशि राज्य शासन से इसी योजना के तहत प्राप्त होती है। मगर बालाघाट जिले की जनपद पंचायत के अधीन अधीन आने वाली ग्राम पंचायतों में इस राशी का वितरण ही नही किया गया है। जिसकी वजह से लोग आज भी इस राशी की राह तकते दिख रहे है और जनपद व ग्राम पंचायतों के चक्कर लगा रहे है।

इस संबंध में पद्मेश को जानकारी देते हुये एकोड़ी निवासी इमला मड़ावी ने बताया की उनके पति अर्तरसिंह की मृत्यु २ मार्च २०२२ को बिमारी के चलते हो गया था। हमने जैसे तैसे उनका अंतिम संस्कार किया। जबकि मेरे पति पंजीकृत श्रमिक थे। लेकिन हमे अंत्येष्टी के लिये आज तक ६ हजार रूपये की राशि प्राप्त नही हुई है। जब हम लोगों ने इस योजना के तहत मिलने वाली राशि के बारे में पता किया तो हमें बताया गया की इस योजना का लाभ लेने के लिये आप को इन इन दस्तावेजों को पंचायत में जमा करना होगा। जब हमने समस्त दस्तावेज जमा कर दिये तो हॉल ही में हमारे खाते में २ लाख रूपये की राशी आयी है मगर अंत्येष्टी सहायता राशि अभी तक अप्राप्त है।

इसी तरह राजू नैकाने ने पद्मेश को बताया की उनके पिता का देहांत इसी साल ७ अप्रैल को हुआ है। हमने समस्त कार्यवाही कर पंचायत को दी जिन्होने हमारा प्रकारण जनपद पंचायत को सौंप दिया जहां से बीते एक माह पूर्व हमें अनुग्रह राशि मिली है मगर अंत्येष्टी सहायता राशी प्राप्त नही हुई है। जिसके लिये हमारे द्वारा जनपद को भी सूचना दी गई मगर किसी प्रकार का कोई हल नही निकला। श्री नेकाने ने बताया की जब शासन ने जो योजना चलाई है तो उसके मुताबिक पंजीकृत श्रमिक को राशी मिलना अनिवार्य है मगर लगता है की जनपद पंचायत और जिला पंचायत ने मिलने वाली राशी पर आर्थिक अनिमित्ता बरतने का कार्य किया है। जिसकी निष्पक्ष जॉच होनी चाहिये ताकि पीडि़तों को इस राशी का भुगतान हो सके।

वही आलेझरी निवासी नंदकिशोर मेश्राम ने बताया की उसकी माता का देहांत भी इसी साल जुलाई माह में हुआ था। पूरे दस्तावेज देने के बाद भी उन्हे न तो अंत्येष्टी के लिये मिलने वाले ६ हजार रूपये मिले और ना ही २ लाख रूपये की अनुग्रह राशी। हम शासन प्रशासन से यह मांग करते है की कर्मकार मंडल द्वारा चलाई जा रही इस योजना का लाभ हमे तत्काल मिले व अंत्येष्टी राशि में घपला करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाये।

इस मामले को जोरशोर से उठाने वाले जनपद पंचायत सदस्य जितेन्द्र सिंह राजपूत ने पद्मेश को बताया की पूरे जिले में अनगिनत लोग ऐसे है जिन्हे मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल से प्राप्त होने वाली अंत्येष्टी सहायता के ६ हजार रूपये की राशी व मृत्यु उपरांत योजना के अनुरूप मिलनी वाली अनुग्रह की राशी प्राप्त नही हुई है। इस योजना में जनपद व जिला पंचायत के अधिकारी अपनी मनमानी करते हुये भ्रष्टाचार कर रहे है। शीघ्र ही हमारे क्षेत्र के पीडि़तों के साथ हम जिलाधीश से मुलाकात करेंगे और जिन्हे अंत्येष्टी व अनुग्रह राशी अभी तक प्राप्त नही हुई है उन्हे दिलवाये जाने व दोषियों पर कार्यवाही की मांग करेंगे।

वारासिवनी जनपद पंचायत अंर्तगत आने वाले ग्रामीण जिसमें दिनेरा से जीरन मानेश्वर, मेहदुली से जयराम जमरे, कायदी से शशीकला बाहेश्वर, एकोड़ी से इमला मड़ावी, सोनझरा से श्री कावरे, डोंगरगॉव से इन्द्रकला बिसेन, डोके से अनुसुईया गौतम, नांदगॉव से कुश्मन टेंभरे, खापा से गीता पंचेश्वर, दीनी से सुनिता रावड़े, आशाराम बनकर, एकोड़ी से हीरा, खापा से सीमा उईके, पिपरिया से सुनिता लिल्हारे, मेहदुली से पार्वता पंचश्वर, कायदी से सुनिता दमाहे, भांडी से द्वारका चौरे, रेंगाझरी से सुनिता बघेले, आलेझरी से नंदकिशोर मेश्राम, बकेरा से रेशमा डोंगरे, थानेगॉव से केशर बोपचे, बोटेझरी से ममता बिसेन, पदमपुर से सुखलाल भवरे, लड़सड़ा सेवंता पगरवार, मेंड़की से बबीता गजभिये, बुदबुदा से अरविंद नागेश्वर का नाम शामिल है। उक्त प्रकरण सभी इसी वर्ष के है।

इस मामलें में जब दूरभाष पर पद्मेश ने जिलाधीश गिरीश मिश्रा से चर्चा की तो उन्होने बताया की यह जिला पंचायत का मामला है। आपने मेरे संज्ञान में लाया है अगर इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है तो संबंधित पर कार्यवाही करते हुये इस योजना का लाभ दिलाया जायेगा।

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