अदालत की छुट्टियों के बाद लिस्ट किया जाएगा… DU के पूर्व प्रोफेसर की अर्जी पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया इनकार, क्या है मामला?

0

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर हनी बाबू की एक अर्जी को तत्काल लिस्ट करने से इनकार कर दिया। यह अर्जी भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी हनी बाबू द्वारा दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने यह स्पष्ट करने का अनुरोध किया था कि वह जमानत के लिए हाई कोर्ट का रुख कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केवी विश्वनाथ की अगुवाई वाली बेंच ने फिलहाल के वर्किंग डे में लिस्ट करने से इनकार कर दिया और कहा कि अदालत की छुट्टियों के बाद इसे लिस्ट किया जाएगा।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कई सह-आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने या तो मेरिट के आधार पर या लम्बी हिरासत के आधार पर ज़मानत दी है। हनी बाबू ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी ज़मानत याचिका वापस लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट जाने का निर्णय लिया था। 2 मई को हाई कोर्ट ने कहा कि हनी बाबू को सुप्रीम कोर्ट से यह स्पष्टता प्राप्त करनी चाहिए कि ज़मानत याचिका वापस लेने के बाद वे हाई कोर्ट का रुख कर सकते हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में यह स्पष्टता प्राप्त करने हेतु एक आवेदन दायर किया गया, जिसे सोमवार को वकील द्वारा तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग के साथ उठाया गया था।

जस्टिस विश्वनाथन ने ध्यान दिलाया कि हाई कोर्ट का आदेश 2 मई को पारित हुआ था और पूछा कि यह आवेदन 23 मई तक के नियमित कार्यदिवसों में क्यों नहीं दायर किया गया। उन्होंने कहा कि जब उस समय कोई तात्कालिकता नहीं दिखाई गई, तो अब न्यायालय की छुट्टियों के दौरान तुरंत सुनवाई कैसे दी जा सकती है? शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालत 23 मई तक पूरी तरह खुले थे। आदेश 2 मई को दिया गया। आपको समय रहते अर्जी दाखिल करनी चाहिए थी और तात्कालिकता दिखानी चाहिए थी। इस पर याची के वकील ने कहा कि सर्टिफाईड कॉपी पाने में समय लगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here