दुनिया में युद्ध के दौरान हवाई हमले से बचने के लिए बड़े-बड़े बंकर बनाए जा रहे हैं। अमेरिकी हवाई हमले से बचने के लिए उसके दुश्मन गहराई में बंकर बनाते जा रहे हैं। चीन, उत्तर कोरिया और ईरान सभी गहरी मिलिट्री फैसलिटी का निर्माण कर रहे हैं। लेकिन इन्हें और गहराई तक ध्वस्त करने के लिए अमेरिका नए बंकर-विस्फोट बमों को बना रहा है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से सबसे नया बम मार्च में मोजावे रेगिस्तान में आश्चर्यजनक रूप से दिखाई दिया। फोटोग्राफर इयान रेचियो ने अमेरिकी एयरफोर्स के KC-135 टैंकर से ईंधन भरते अमेरिकी वायुसेना के बोइंग बी-1 बमवर्षक की फोटो खींची। इस तस्वीर में बी-1 बमवर्षक के नीचे एक बड़ा बम था।
विमानन विशेषज्ञ डेविड सेनसिओटी रेकियो तस्वीर देखने वाले सबसे पहले लोगों में से एक थे। सबसे पहले उन्होंने सोचा कि बम GBU-31 हो सकता है, जो 900 किग्रा का सैटेलाइट गाइडेड बम है। लेकिन करीब से देखने पर पता चला कि यह GBU-31 नहीं था। यह एक नया बम था। यह बेहद कम देखा जाने वाला GBU-72 है, जो 2270 किग्रा का है। यह बंकर को तबाह करने वाला बम है। इसे इस तरह बनाया गया है कि बंकर तबाह करने से पहले मिट्टी और चट्टानों को भेद सके।
अमेरिका के पास कौन से बम?
GBU-71 खास है। यह अपने हाइटेक फ्यूज और अतिरिक्त ठोस आवरण के साथ, सैटेलाइट गाइडेड बंकर-बस्टर है। अपनी शक्ति के हिसाब से यह थोटा है। दूसरे शब्दों में इसके पास अमेरिकी वायु सेना के पास मौजूद सबसे बेहतरीन बंकर-बस्टर्स की क्वालिटी है। अमेरिकी वायुसेना के पास 1800 किग्रा का GBU-28 और 12250 किग्रा का GBU-57 बम है। GBU-28 इतना छोटा है कि इसे अमेरिकी वायुसेना का बोइंग एफ-15ई लड़ाकू विमान अपने साथ ले जा सकता है। लेकिन यह सिर्फ 200 फीट की गहराई तक भेद सकता है। GBU-57 बम 200 फीट से ज्यादा गहराई तक भेद सकता है। लेकिन यह इतना विशाल है कि अमेरिकी वायु सेना के B-2 स्टील्थ बॉम्बर और भविष्य का बी-21 स्टील्थ बॉम्बर ही इसे ले जा सकते हैं।
क्या होगी खासियत
अमेरिकी वायुसेना ने कहा कि हम नहीं जानते कि GBU-72 विस्फोट से पहले कितनी गहराई तक जाएगा। लेकिन GBU-72 कार्यक्रम के प्रोग्राम मैनेजर का हवाला देते हुए कहा गया कि यह GBU-28 जैसे पुराने हथियारों से ज्यादा घातक मारक क्षमता वाला होगा। रिपोर्ट के मुताबिक GBU-72 विशाल GBU-57 जितना शक्तिशाली नहीं हो सकता, लेकिन इसे ले जाने के लिए अमेरिकी वायुसेना को गिनेचुने विमानों पर निर्भर नहीं रहना होगा। अमेरिकी वायुसेना ने पहली बार 2021 में F-15E के जरिए GBU-57 का परीक्षण किया था।