अमेरिका में 12 घंटे के भीतर फायरिंग की 3 घटनाएं हुई हैं। इनमें 2 छात्रों समेत 11 लोगों की मौत हुई। 2 दिन पहले लॉस एंजिल्स में मास शूटिंग के दौरान 11 लोगों की मौत हो गई थी।
पहली फायरिंग कैलिफोर्निया में, 7 की मौत: उत्तरी कैलिफोर्निया में सोमवार को गनमैन ने हाफ मून बे इलाके की दो अलग-अलग जगहों पर फायरिंग की। इस हमले में 7 लोगों की मौत हो गई। जबकि 3 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। शेरिफ ने बताया कि मास शूटिंग के बाद 67 साल के जहाओ चुनली नाम के संदिग्ध हमलावर को हिरासत में ले लिया गया है।
पुलिस को यह संदिग्ध पार्किंग लॉट में अपनी कार में बैठा हुआ मिला। पुलिस ने इसके पास से हमले के दौरान इस्तेमाल की गई गन को भी बरामद कर लिया है। हमला किन कारणों से किया गया था अभी यह स्पष्ट नहीं है।
हमलावर की पत्नी से होगी पूछताछ
कैलिफोर्निया के हाफ मून बे में घटना के बाद पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि जिस समय वहां शूटिंग हुई उस दौरान घटनास्थल पर काफी बच्चे भी मौजूद थे। हमलावर पौधों की नर्सरी में काम करता था। उसने एक हमला तो नर्सरी के पास ही किया। पुलिस हमलावर के साथ-साथ उसकी पत्नी से भी पूछताछ करेगी।
वहीं कैलिफोर्निया में हो रहे एक के बाद एक हमले पर वहां के लोगों में डर पैदा हो गया है। हाफ मून बे में रहने वाली एक महिला ने कहा कि उन्हें लगने लगा है कि वो अब कहीं भी सेफ नहीं हैं।
दूसरी फायरिंग आयोवा में, 2 छात्र मारे गए: खास बच्चों के लिए चलाए जाने वाले एक स्कूल में गनमैन ने गोलियां चलाईं। इसमें 2 छात्रों की मौत हो गई और 3 घायल हो गए। इनमें 2 की स्थिति नाजुक है। फायरिंग तब हुई, जब स्कूल में एक प्रोग्राम चल रहा था। पुलिस ने बताया कि फायरिंग के करीब 20 मिनट बाद एक कार से तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक आरोपी फरार हो गया।
घटना के बाद सार्जेंट पॉल पारिजेक ने बताया कि हमले को सोच समझ कर अंजाम दिया गया था। यह टारगेट किलिंग है। हालांकि, इसके पीछे क्या मकसद था इसका अभी पता नहीं चल पाया है। स्कूल की वेबसाइट के मुताबिक वहां पढ़ने वालों में 80% बच्चे अल्पसंख्यक समुदाय के हैं।