इंदौर लोकसभा में एकतरफा मुकाबला, मैदान में उतरे उम्मीदवार अब बचा रहे जेब, बीजेपी के शंकर लालवानी ने भी 50 फीसदी नहीं किया खर्च

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एमपी के 29 निर्वाचन क्षेत्रों में तीन चरणों में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। अब आगामी 13 मई को इंदौर सहित 8 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। इंदौर लोकसभा सीट कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम के मुकाबले से वापसी के बाद सुर्खियों में बनी हुई है, लेकिन मुख्य प्रतिद्वंदी हटने के बाद यहां चुनावी उत्साह खत्म होता नजर आ रहा है। भाजपा के शंकर लालवानी की जीत की भविष्यवाणी के साथ उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों की जेब से निकलने वाला पैसा काफी कम हो गया है।

दरअसल, चुनाव कार्यालय के रिकॉर्ड से पता चलता है कि भाजपा के चुनाव खर्च में भी काफी गिरावट आई है। गुरुवार तक इंदौर चुनाव कार्यालय ने मैदान में सभी 14 उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत किए गए चुनाव खर्च के दो दौर का निरीक्षण पूरा कर लिया है। चुनावी खर्च के निरीक्षण के पहले दौर में 14 लाख 51 हजार 977 रुपये और दूसरे दौर के निरीक्षण में कुल 17 लाख 15 हजार 890 रुपये खर्च कर भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी शीर्ष पर हैं। वहीं पूर्व आरएसएस पदाधिकारी अभय जैन 1.87 लाख रुपये खर्च कर दूसरे स्थान पर हैं। चौथे चरण के चुनावी प्रचार थमने में सिर्फ दो दिन बचे हैं। ईसीआई ने इस लोकसभा चुनाव में एक उम्मीदवार द्वारा प्रचार खर्च के रूप में 90 लाख रुपये की अधिकतम सीमा निर्धारित की है।

अन्य प्रत्याशियों ने किया कितना खर्चा

लोकसभा चुनाव के अपने प्रचार प्रसार में बसपा के संजय सोलंकी ने 1.02 लाख रुपए, अखिल भारतीय परिवार पार्टी के पवन कुमार ने 79,566 रुपए, स्वतंत्र देश भक्त के अंकित गुप्ता ने 66,500 रुपए खर्च किए हैं। इसके अलावा स्वतंत्र अधिवक्ता पंकज गुप्ते ने 26,340 रुपये, निर्दलीय अजाज अली ने भी 30,000 रुपये खर्च किए हैं।

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