इमरान के वकील ने पूछा-क्या गिरफ्तारी जरूरी है:हाईकोर्ट ने कहा- बचना चाहते हों तो कोर्ट में सरेंडर कर दें, पुलिस बैठी नहीं रह सकती

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पाकिस्तान की इस्लामाबाद हाईकोर्ट गुरुवार को इमरान खान की गिरफ्तारी वारंट रद्द करने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान जज ने कहा कि पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी नहीं रह सकती। उन्हें गिरफ्तारी के ऑर्डर दिए गए थे। खान को अदालत में पेश किया जाना था, उनके खिलाफ नॉन-बेलेबल वॉरेंट जारी किया गया था।

इस पर खान के वकील ख्वाजा हारिस अहमद ने कहा- क्या कोर्ट में पेश होने के लिए खान को गिरफ्तार करना जरूरी है। इसके जवाब में जज जफर इकबाल ने कहा- हम चाहते हैं कि इमरान कोर्ट में पेश हों। अगर खान गिरफ्तारी से बचाना चाहते हैं तो वो कोर्ट में आ कर सरेंडर कर दें।

पहले समझिए पूरा मामला…
दरअसल, इमरान खान को तोशाखाना केस में गिरफ्तार किया जाना है। इसके लिए पुलिस 13 मार्च को लाहौर के जमान पार्क में उनके घर गिरफ्तारी के लिए पहुंच गई थी। लेकिन इमरान के समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद 15 मार्च को पुलिस उन्हें बिना गिरफ्तार किए वापस चली गई।

इमरान पर सरकारी खजाने (तोशाखाना) के बेशकीमती गिफ्ट्स कौड़ियों के दाम खरीदकर उन्हें अरबों रुपए में बेचने का आरोप है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें 29 मार्च तक अरेस्ट करके अदालत में पेश करने का ऑर्डर जारी किया था। इमरान ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कहा था कि उनके पास 18 मार्च तक प्रोटेक्टिव बेल है। लेकिन जब पुलिस उन्हें अरेस्ट करने घर पहुंच गई तो 15 मार्च को उन्होंने हाईकोर्ट में गिरफ्तारी वारंट रद्द करने के लिए याचिका दायर कर दी।

गिरफ्तारी में पेंच- पुलिस VS पुलिस
खैबर पख्तूनख्वा (KP) प्रांत में 10 साल इमरान खान की पार्टी की सरकार रही है। अब यहां केयरटेकर सरकार है। इसके बावजूद इमरान की सुरक्षा में KP राज्य की पुलिस तैनात है। वो इस्लामाबाद पुलिस को रोक रही थी और इस वजह से गिरफ्तारी में देरी हुई। यानी पुलिस vs पुलिस का पेंच फंस गया। बुधवार दोपहर सरकार की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने भी यही वजह बताई।

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