वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। नवभारत साक्षरता परीक्षा का प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी १६ फ रवरी को आयोजन किया गया। यह परीक्षा वारासिवनी विकासखंड अंतर्गत प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं को परीक्षा केंद्र बनाया गया जहां पर साक्षर परीक्षा का आयोजित की गई। यह परीक्षा में २४५० असाक्षर ने उपस्थित होकर नवभारत साक्षरता परीक्षा का पेपर हल किया। इस दौरान जिला और विकासखंड के शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा उडऩ दस्ते के रूप में प्रत्येक परीक्षा केंद्र का निरीक्षण कर मॉनिटरिंग की गई। जिसमें सुबह १० बजे से शाम ५ तक प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर पेपर हल किया। जहां पर यह परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न की गई।
असाक्षर को साक्षर करने किया गया प्रयास
यह २१वीं सदी की डिजिटल क्रांति के बदलते दौर में असाक्षर लोगों को अक्षर ज्ञान कराते हुए शिक्षा से जोडऩे की कवायद को लेकर नवभारत साक्षरता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत असाक्षर लोगों को चिन्हित कर उन्हें साक्षरता की शिक्षा देने की दिशा में बुनियादी साक्षर किया जा रहा है। जिसमें अधिकांश बुजुर्ग महिला ,पुरुषो ने उपस्थिति दर्ज कराकर अपना पेपर हल किया। असाक्षरों के जीवन स्तर में बदलाव लाने उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोडऩे हेतु यह कार्यक्रम भारत सरकार की ओर से पूरे देश में संचालित है । इससे प्रदेश एवं देश की साक्षरता दर में निश्चित ही वृद्धि होगी।
१७२ परीक्षा केंद्रों में २४५० असाक्षर हुए शामिल
वारासिवनी विकासखंड अंतर्गत १७२ शासकीय माध्यमिक और प्राथमिक शालाओं में नवभारत साक्षरता परीक्षा का परीक्षा केंद्र बनाया गया। जहां पर वारासिवनी विकासखंड के २४९२ असाक्षर को परीक्षा में शामिल करने का लक्ष्य तैयार किया गया। जिसके तहत उक्त परीक्षा केंद्रो में करीब २४५० असाक्षर ने अपनी उपस्थिति सुबह १० बजे से शाम ५ बजे के बीच में अपनी सुविधा अनुसार दर्ज करवाकर नवभारत साक्षरता परीक्षा में भाग लेकर अपना पेपर हल किया। वहीं करीब ४२ असाक्षर परीक्षा में अनुपस्थित रहे।
सभी परीक्षा केन्द्रों में उडऩ दस्ते ने की मॉनिटरिंग
यह परीक्षा सुबह १० से शाम ५ बजे तक संचालित की जाने वाली नवभारत साक्षरता परीक्षा के तहत वारासिवनी विकासखंड में १७२ परीक्षा केंद्रों का निर्माण किया गया था। जहां पर सुबह से असाक्षर लोगों के द्वारा अपने सुविधा अनुसार केंद्रों में उपस्थित होकर परीक्षा दी गई। इन परीक्षा केंद्रों का डीपीसी बालाघाट ,बीआरसी सतेंद्र शरणागत ,बीएसी, जनशिक्षक परीक्षा के संकुल समन्वयक सहित जिला कार्यालय के अधिकारियों के द्वारा उडऩ दस्ते के रूप में निरीक्षण कर मॉनिटरिंग की गई। जहां पर व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया जिसमें अधिकारी संतुष्ट नजर आए और यह परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न हुई।
परीक्षा का उद्देश्य अक्षर ज्ञान अंक ज्ञान करवाना है-सतेन्द्र शरणागत
बीआरसी सत्येंद्र शरणागत ने जानकारी देते बताया कि प्रदेश में नवभारत साक्षरता परीक्षा का आयोजन हुआ है । जिसके तहत बालाघाट जिले में असाक्षरो की परीक्षा ली जानी है। इसी के तहत वारासिवनी विकासखंड में भी २४९२ असाक्षर का लक्ष्य दिया गया है जिनकी परीक्षा आयोजित की गई थी। जिसमें लगभग २४५० असाक्षर उपस्थित हुए। उनके लिऐ वारासिवनी विकासखंड में १७२ परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। श्री शरणागत ने बताया कि १५ वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति जिन्होंने किसी कारण पहले शिक्षा अपनी पूर्ण नहीं कि उन्हें अक्षर ज्ञान अंक ज्ञान जोडऩा घटाना पढऩा लिखना आ सके इसी के लिए परीक्षा ली गई है। इसका उद्देश्य है कि प्रत्येक व्यक्ति साक्षर हो जिसे दैनिक जीवन में जरूरी शिक्षा प्राप्त रहे। जिससे कि वह आवश्यक पढऩा लिखना जोडऩा घटाना लेनदेन व अपना नाम लिखकर सही से दैनिक जीवन में कार्य कर सके।










































