बालाघाट/ लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विद्वान विशेष न्यायाधीश श्रीमती नौशीन खान की अदालत ने एक नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में महाराष्ट्र राज्य के दो युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। दोनों आरोपी युवक दादू उर्फ प्रीतम गडलिंग पिता दशरथ गडलिंग उम्र 19 वर्ष प्लाट नंबर 63 गंगा बाग जय दुर्गा आटा चक्की के पास पारडी नागपुर और मयूर घुले पिता स्वर्गीय सुनील धुले 19 वर्ष प्लॉट नंबर 77 चिखली रेलवे स्टेशन के पास कलमना नागपुर निवासी है विद्वान अदालत ने दोनों आरोपी को आजीवन कारावास के अलावा प्रत्येक को 12-12 हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किये है। इस मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डहेरिया के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती कपले सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई थी।
अभियोजन के अनुसार मार्च 2020 में यह नाबालिक लड़की खैरलांजी थाना क्षेत्र में अपने अपने रिश्तेदार के घर आई थी ।जहा वह तीन-चार माह रही। इस दौरान प्रीतम गडलिंग और मयूर धुले आए हुए थे ।माह मई 2020 की शाम को लड़की से दोनों मिले और दोनों ने इस लड़की को खेत तरफ ले जाकर उसके साथ जबरदस्ती सामूहिक दुष्कर्म किया और किसी को बताने से मना करते हुए दोनों ने नागपुर आने पर मिलते रहने की धमकी दिए थे। यह लड़की जब नागपुर गई तब प्रीतम और मयूर धुले ने इस लड़की के साथ दुष्कर्म किए थे। जिससे वह गर्भवती हो गई थी। 16 सितंबर 2021 को नागपुर के एक निजी अस्पताल मे इस लड़की ने एक बच्ची को जन्म दी थी। जिसकी सूचना पुलिस थाना गांधीबाग नागपुर को दी गई ।पुलिस थाना नागपुर शहर में इस लड़की के बयान लिए गए। लड़की ने बदनामी के डर से प्रीतम और मयूर का नाम नहीं बताई और उसने सौरभ और उसके दोस्त द्वारा दुष्कर्म करने के सम्बंध में बताई थी। इसके आधार पर आरोपी सौरभ एवं अन्य के विरुद्ध प्रथम सूचना अपराध पंजीबद्ध कर उक्त अपराध का क्षेत्राधिकार बालाघाट जिला का होने से पुलिस डायरी पुलिस थाना खैरलांजी भिजवा गई थी।खैरलांजी पुलिस द्वारा इस लड़की के कथन लिए गए। उसके बताएं अनुसार प्रीतम गडलिंग एवं मयूर धूले के विरूद्ध अपराध क्रमांक 0299/ 2021 में धारा 376 (2)(j), 376(डी),376(2)(एन) 506 धारा 4, 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम और धारा 3(1)( W) (i),3(2)(V) अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया और इस अपराध में प्रीतम गडलिंग और मयूर धुले को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था। यह मामला लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश श्रीमती नौशीन खान की विद्वान अदालत में चला। जहा अभियोजन आरोपी प्रीतम गडलिंग और मयूर धुले के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरुप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों पर विचार करते हुए अपने विवेचन निष्कर्ष और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपी मयूर धुले और दादू उर्फ प्रीतम गडलिंग को धारा5(g)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 2000 रुपये अर्थदंड, धारा 5(1)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 2000 रुपये। अर्थदंड, धारा 376(2)(j) भादवि के तहत अपराध में 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 2000 रूपये अर्थदंड, धारा 3(1)W(i) अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध में 6 माह का सश्रम कारावास और 2000 रुपये अर्थदंड, धारा 3(2)V अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध में आजीवन कारावास 2000 रुपये अर्थदंड और धारा 5(j)(11)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 2000 रुपये अर्थदंड से दंडित किये।