काबुल से जारी है भारतीय नागरिकों का रेस्क्यु ऑपरेशन, जानिए ताजा अपडेट्स

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अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद से अधिकतर लोग वहां से निकलने की कोशिश में लगे हुए हैं। कई देशों की सरकारें अपने नागरिकों को वहां से रेस्क्यू करने के मिशन में जुटी हुई हैं। भारत सरकार ने भी अफगानिस्तान से अपने अधिकतर नागरिकों को बाहर निकाल लिया है और बाकी नागरिकों को बाहर निकालने की कवायद जारी है। तालिबान ने 15 अगस्त 2021 के दिन अफगानिस्तान पर फिर से कब्जा किया था, पर भारत ने इससे पहले ही अपने नागरिकों को वहां से निकालने का काम शुरू कर दिया था। पूरे अफगानिस्तान पर भले ही तालिबान का कब्जा हो, पर काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सेना तैनात है। इसी वजह से सभी देश वहां से अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाल पा रहे हैं।

भारत ने सबसे पहले काबुल में बने भारतीय दूतावास के कर्मियों को वापस बुलाया था। इसके बाद वहां फंसे नागरिकों को धीरे-धीरे वायु सेना के विमान सी-17 ग्‍लोबल मास्‍टर से वापस लाया गया। बाद में भारत ने कमर्शियल फ्लाइट के जरिए एक हजार से ज्यादा भारतीयों को सुरक्षित अफगानिस्तान से बाहर निकाला। हालांकि अभी भी भारत के कुछ नागरिक अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं, लेकिन वो काबुल से काफी दूर हैं। इनमें से कुछ लोगों ने अफगानिस्तान के गुरुद्वारों में शरण ले रखी है।

रविवार को 382 लोगों का रेस्क्यू

रविवार के दिन भी भारत वायु सेना ने तीन विमानों के जरिए करीब 382 लोगों को काबुल से निकाला था। इनमें लगभग 329 भारतीय नागरिक और अफगानिस्तान के सिख और हिंदू शामिल थे। इन लोगों के रेस्क्यू में सी-17 ग्‍लोबल मास्‍टर, और सी-130जे विमान की मदद ली गई। ग्‍लोबल मास्‍टर से करीब 168 लोगों का रेस्क्यू किया गया। इसमें 107 भारतीय समेत 23 अफगान सिख और हिंदु शामिल थे। वहीं एयर इंडिया के विशेष विमान के जरिए 87 भारतीय नागरिकों और दो नेपाली नागरिकों को भारत लाया गया। अमेरिकी विमान ने भी 35 भारतीय नागरिकों को काबुल से उठाकर दोहा में छोड़ा था। इन्हें भी बारत लाया जा चुका है।

अमेरिका भी अपने नागरिकों को बाहर निकालने में जुटा

अमेरिकी विमान भी काबिल से अपने नागरिकों को और अपने जवानों को निकालने में लगा हुआ है। रविवार को अमेरिका ने अपने 169 नागरिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला है। अभी भी अफगानिस्तन में बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिक मौजूद हैं। राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि उनके हजारों लोग अफगानिस्‍तान से वापसी का इंतजार कर रहे हैं। और वो अपने आखिरी नागरिक को भी सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गौरतलब है कि अफगानिस्‍तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद अपने लोगों और जवानों की सुरक्षित वापसी के लिए अमेरिका ने वहां पर अपने कुछ अतिरिक्‍त जवान भी भेजे थे।

जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस भी अपने नागरिकों को बाहर निकालने में जुटे

भारत और अमेरिका के अलावा जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देश भी अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को बाहर निकालने में जुटे हुए हैं। जर्मनी ने अपने स्‍पेशलाइज्‍ड कमांडो फोर्स के जवानों के साथ दो H145Ms हेलीकाप्‍टर्स काबुल भेजे हैं। इसके अलावा ब्रिटेन और फ्रांस भी इसी तरह से जल्दी से जल्दी अपने नागरिकों को वहां से बाहर निकालने की कोशिश में लगे हुए हैं। वहीं जर्मनी ने अफगान नागरिकों को शरणार्थी का दर्जा देने की घोषणा की है। जर्मनी का ए400एम कार्गो विमान काबुल से लोगों को बाहर निकाल रहा है।

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