वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी खैरलांजी विधानसभा क्षेत्र में लगातार खरीदी केंद्रो के सामने किसानों का धरना प्रदर्शन का क्रम जारी है। जिसमें ५ दिसंबर को सेवा सहकारी समिति बुदबुदा के खरीदी केंद्र में किसान गर्जना के तत्वावधान में किसानों के द्वारा टेंट लगाकर धरना प्रदर्शन प्रारंभ किया गया है। इस दौरान किसानों के द्वारा खरीदी केंद्रो में धान लेकर आने की जगह केंद्र के सामने धरने पर बैठकर शासन की वादा खिलाफी के खिलाफ आवाज बुलंद की जा रही है। इस कड़ी में देखने में आ रहा है कि किसान जागरूक होकर स्वयं धरना आंदोलन में शामिल हो रहे है। हालांकि किसान गर्जना ने १ दिसंबर से प्रारंभ किया गया था परंतु ५ दिसंबर तक लगातार अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन प्रारंभ करने का दौर चालू है। इस दौरान सेवा सहकारी समिति के खरीदी केंद्रो में किसानों के द्वारा अपनी धान भी लाई गई है परंतु उसे ढक कर रख दिया गया है। जो शासन को नहीं दे रहे हैं वहीं किसान सोसायटी में धान लेकर भी नहीं आ रहे हैं, जिनके द्वारा चुनाव में मंचों से की गई घोषणा और संकल्प पत्र में दर्शाये गये धान के ३१०० रुपये समर्थन मूल्य की मांग की जा रही है। इस अवसर पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य, किसान गर्जना जिला महामंत्री ज्ञानप्रकाश उर्फ पप्पु पटेल ने सरकार की वादा खिलाफ ी पर आक्रोश व्यक्त करते हुए २५ दिसंबर तक समर्थन मूल्य ३१०० रूपये नहीं होने पर २५ दिसंबर को नगर के जय स्तंभ चौक पर आत्मदाह करने की चेतावनी भी देते हुए इस कदम के लिए शासन प्रशासन और प्रदेश के मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है।
धीरे धीरे आंदोलन ले रहा वृहद रूप
किसान गर्जना संगठन के द्वारा जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर शासन से २८ नवंबर तक धान का समर्थन मूल्य ३१००रूपये करने की मांग की गई थी अन्यथा धरना आंदोलन की चेतावनी भी दी गई थी। परंतु मांग पूरी ना होने पर किसान गर्जना संगठन ने १ दिसंबर से समस्त खरीदी केंद्रो पर धरना प्रदर्शन का आव्हान किसानों से किया गया था। हालांकि १ दिसंबर को वारासिवनी क्षेत्र की सोसायटीयों में यह विरोध सुनाई नहीं दिया परंतु धीरे धीरे यह धरना प्रदर्शन वारासिवनी खैरलांजी विधानसभा क्षेत्र के समस्त खरीदी केंद्रो में देखने में आ रहा है। जहां पर किसान स्वंय ही जागरूक होकर टेंट लगाकर धान को समिति में लाने से किसानों को रोक रहे हैं। शासन से किए गए वादे के अनुसार ३१०० रुपये समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं ,जिसके कारण समस्त समिति के खरीदी केंद्र खाली पड़े हुए हैं। जिसमें कुछ स्थानों पर किसानों के द्वारा धान लायी गई थी परंतु उनके द्वारा उसे समिति परिसर में ढाक कर रख दिया गया है परंतु समिति को नहीं दिया गया है।
सरकार ने संकल्प पत्र में जो घोषणा किये थे उसे पुरा करें-पीतांबर नागेश्वर
किसान पीतांबर नागेश्वर ने बताया कि हम किसान धरना प्रदर्शन में सुबह से डटे हुए हैं हम चाह रहे हैं कि धान समिति में ना आयें। मुख्यमंत्री मोहन यादव के संकल्प पत्र में और उनके द्वारा मंचों से घोषणा कर ३१०० रूपये देना का वादा किया गया था । किसानों के द्वारा अपनी उपज के सही दाम की मांग कर रहे हैं और हमने भी फैसला लिया है कि ३१०० समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा तो धान नहीं बचेंगे । अभी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बालाघाट आए थे उनके भाषण के पहले ही जानता वहां से चली गई । क्योंकि उन्होंने किसानो के बारे में कुछ नहीं कहा जबकि किसान नेता बनाता है उन्होंने यहां पर लच्छेदार भाषण देकर चले गए।
मुख्यमंत्री ने ३१०० रूपये देने का किया था वादा-लोमहर्ष बिसेन
जिला पंचायत सदस्य लोमहर्ष बिसेन ने बताया कि सरकार ने वादा किया था कि ३१०० रूपये किसानों को धान का मूल्य २०२३ के संकल्प पत्र में मोदी की गारंटी के साथ देने कहा गया था। उसके बाद चुनाव खत्म हुए खरीदी चालू हुई तब भी नहीं दिया गया। फि र अभी लोकसभा के समय मुख्यमंत्री रामपायली आए उन्होंने सभा में कहा बजट आवंटित करेंगे। अभी आचार संहिता है तो इसे हम आगे देंगे परंतु यह दूसरी खरीदी प्रारंभ हो गई है ३१०० का कोई पता नहीं है। अभी किसान उपज ला नहीं रहे हैं हम ३१०० रूपये की मांग कर रहे हैं यह जो सरकार को करना होगा अन्यथा हम धान नहीं देंगे यह हमारी अनिश्चितकालीन हड़ताल है जो चलती रहेगी।
विधायक को रोड़ पर लडऩे कहा किंतु रुझान ही नहीं दिखा रहा-ज्ञानप्रकाश पटेल
किसान गर्जना जिला महामंत्री ज्ञान प्रकाश उर्फ पप्पु पटेल ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने रामपायली में आकर अपना भाषण दिया था कि किसानों को ३१०० रूपये धान का समर्थन मूल्य दिया जायेगा। लेकिन अब वह अपने विचारों से मुकर रहे हैं इससे किसानों की भावना भी आहत हुई है। विषय रुपयों का नहीं है किसानों को २३०० में पड़ता ही नहीं सोडा खाद दवा सब महंगे हो गये है। जिले में लाड़ली बहना योजना मिलने से महिलाएं काम करने आती ही नहीं है और आती है तो ३०० रूपये मजदूरी मांगती है । श्री पटेल ने बताया कि सरकार अगर २५ दिसंबर तक धान को ३१०० रूपये में नहीं खरीदेगी तो मैं २५ दिसंबर को नगर के जय स्तंभ चौक पर अपने उपर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करूंगा। इसके जिम्मेदार शासन प्रशासन ,मुख्यमंत्री और बीजेपी के बड़े बड़े नेता होंगे। अगर किसानों की मांग पुरी नही हुई तो मेरे जैसे कई किसान आत्मदाह करेंगें। मैदान में कोई नेता नहीं उतरता है कांग्रेस के जो विधायक जीते हैं वह भी नहीं आ रहे हैं । वारासिवनी खैरलांजी के विधायक तो जनता के लिये मुख्यमंत्री के सामने खड़ा भी नहीं हुआ। विधायक को कहा था काले झंडे दिखाओ कुछ नहीं किया जबकि उन्हें जनता ने लड़ाई लडऩे के लिए विधायक बनाया है। अगर विधायक किसानों को सभी दाम नहीं दिलाएंगे तो जनता जरूर विरोध करेगी भाजपा का हमें पता नहीं पर विधायक को अपना फ र्ज निभाना चाहियें और किसानों को ३१०० रूपये दिलाना चाहियें। आज सुबह विधायक को खबर भेजा था की रोड़ पर लडऩे चलो किंतु उनका रुझान नहीं दिख रहा है।