कोरोना संकट में उलझी रही दुनिया, चीन ने दौड़ा दी सबसे तेज चलने वाली ट्रेन, नाम Maglev, रफ्तार 600 KMPH

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नई दिल्ली : दुनिया के देशों को सारा ध्यान जहां कोरोना संकट के प्रबंधन और उससे निपटने के तरीकों पर लगा है, वहीं चीन अपनी तरक्की की नई गाथा लिखने में जुटा है। बुलेट ट्रेन चलाने में उसे महारत तो पहले से हासिल है अब उसने ट्रेन की रफ्तार कायम करने में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। चीन ने एक ऐसी सुपरफास्ट ट्रेन बनाई है जिसकी रफ्तार 600 किलोमीटर प्रतिघंटा है। चीन ने इस ट्रेन का नाम मैग्लेव दिया है। उसका कहना है कि यह दुनिया की सबसे तेज रफ्तार वाली ट्रेन है। चीन के पूर्वी राज्य शॉनडॉन्ग के किंगडाओं में मंगलवार को इस ट्रेन की शुरुआत कर चीन ने अपने यहां सार्वजनिक परिवहन को एक नया तोहफा दिया।

शेनजेन से शंघाई पहुंचने में लगेंगे 2.5 घंटे 
चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबाल टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार चीन में हाई स्पीड ट्रेन की रफ्तार करीब 350 किलोमीटर प्रतिघंटे और हवाई जहाज की स्पीड 800 किमी/प्रतिघंटा है। यह ट्रेन इन दोनों के बीच के अंतर को भरेगी। इसके अलावा चीन ने देश में 2035 तक व्यापक परिवहन नेटवर्क तैयार करने का जो खाका तैयार किया है उसे पूरा करने में यह ट्रेन मदद पहुंचाएगी। सीआरआरसी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने लिखा है कि जमीन पर चलने वाली यह अब तक की सबसे तेज ट्रेन है। यह ट्रेन 1,500 किलोमीटर के दायरे में अभी चलेगी। ट्रेन से चीन के शेनजेन से शंघाई पहुंचने में अभी 10 घंटे लगते हैं लेकिन इस रूट पर इस ट्रेन के चलने में यह दूरी 2.5 घंटे में तय हो जाएगी। 

ट्रेन की तकनीक में चीन ने सुधार किया  
इस सुपरफास्ट ट्रेन को बनाने के लिए चीन ने अपनी तकनीक में काफी सुधार किया है। इस ट्रेन का ब्रेक सिस्टम पहले के मुकाबले 30 प्रतिशत ज्यादा कारगर एवं सक्षम है। इस नई मैग्लेव ट्रेन में ब्रेक अब 16 किलोमीटर की जगह 10 किलोमीटर की दूरी से लगाया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार चीन ने अपनी मैग्लेव ट्रेन परियोजना की शुरुआत अक्टूबर 2016 में की। उनसे साल 2019 में इसका एक प्रोटोटाइप बनाया और जून 2020 में इसका ट्रायल रन किया। इसके बाद और तकनीकी सुधारों के बाद इसका छह महीने तक टेस्ट किया गया।  

चीन के पास दुनिया का सबसे बड़ा हाई-स्पीड रेल नेटवर्क
चीन के पास दुनिया का सबसे बड़ा हाई-स्पीड रेल नेटवर्क है। यह रेल नेटवर्क देश के 95 प्रतिशत हिस्से से गुजरता है। साल 2020 के अंत तक चीन में रेलवे नेटवर्क की कुल लंबाई 146,300 किलोमीटर की है। कम्युनिस्ट देश अपनी इस क्षमता को बढ़ाकर 200,000 किलोमीटर करना चाहता है।    

जापान, फ्रांस भी आगे
चीन के अलावा कई अन्य देश भी हैं जो स्पीड ट्रेन या बुलेट ट्रेन के मामले में आगे हैं। सुरक्षा की जहां तक बात है तो जापान और फ्रांस की बुलेट ट्रेनों को ज्यादा पसंद किया जाता है। ट्रेन सेवा यूरोप और एशिया के देशों में ज्यादा प्रचलित है। चीन को छोड़कर अन्य देशों की अगर बात करें तो जापान, फ्रांस और दक्षिण कोरिया इस क्षेत्र में आगे हैं। स्पीड ट्रेन चलाने में दुनिया के कुछ देश काफी आगे हैं-

जापान में चलेगी 374 एमपीएच की ट्रेन
जापान अपने यहां LO सीरीज की ट्रेन का परीक्षण कर रहा है। यह ट्रेन की गति 374 एमपीएच होगी। यह ट्रेन टोक्यो से नागोया के बीच चलेगी। समझा जाता है कि इस ट्रेन की शुरुआत 2027 में होगी। 

एजीटी इटालो 
इटली में इस हाई स्पीड ट्रेन की शुरुआत 2012 में हुई। यह ट्रेन 360 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलती है। यह ट्रेन नापोली, रोमा, फिरेंजे, बोलोग्ना और मिलानो कॉरीडोर पर चलती है। 

स्पेन की वेलारो ई 
स्पेन में वेलारो ई हाई स्पीड ट्रेन है। यह ट्रेन औसतन 350 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलती है। यह ट्रेन बार्सिलोना-मेड्रिड लाइन पर सेवा देती है। स्पेन में यह ट्रेन जून 2007 से चल रही है।    

स्पीड ट्रेन के मामले में कहां है भारत 
स्पीड ट्रेन चलाने के मामले में भारत अभी काफी पीछे है। भारत में सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन वेंद भारत है। यह 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पकड़ सकती है। यह ट्रेन दिल्ली-वाराणसी मार्ग पर चलती है। इस रूट पर इसकी स्पीड 130 किलोमीटर प्रतिघंटा रहती है। इसके बाद नई दिल्ली-आगरा के बीच चलने वाली गतिमान एक्सप्रेस दूसरी स्पीड ट्रेन है। इसकी अधिकतम रफ्तार 160 किलोमीटर प्रतिघंटा है।  नई दिल्ली-भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस को भी तीव्र गति से चलने वाली ट्रेन माना जाता है। नई दिल्ली-भोपाल के बीच यह 91 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पकड़ती है। गतिमान एक्सप्रेस के आने तक यह देश की सबसे रफ्तार वाली ट्रेन थी। 

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