क्या सांसद बिसेन को किया गया दरकिनार?

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“काम निकला तेरे से ,निकाल मेरे डेरे से” वर्षो पुरानी यह कहावत रविवार को इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय बालाघाट में नजर आई जहां पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रविवार 24 फरवरी को इतिहास पुरातत्व संग्राहलय में भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर नैरोगेज के इंजन बोगी का लोकार्पण किया गया। तो वही पुरातत्व का 22 वा अनोखा महाभव्य अनुष्ठान संपन्न कराया गया। जिसमें कलेक्टर डॉक्टर गिरीश मिश्रा सहित अन्य पदाधिकारी कर्मचारी और विभिन्न वक्ता तो मौजूद रहे, लेकिन इस कार्य को शुरू से लेकर आखिरी तक करने वाले रेलवे इंजन और बोगी के लिए रेलवे से पत्राचार कर उसे बालाघाट संग्रहालय में स्थापित करने वाले सांसद इस कार्यक्रम में पूरे दिन नजर नहीं आए। जिसको लेकर दिनभर चर्चा का विषय बना रहा कि आयोजको द्वारा सांसद डॉ ढालसिह बिसेन को कार्यक्रम से नजरअंदाज कर दिया गया है ।बताया गया कि लगभग 70 लाख रूपये की नेरोगेज रेल के इंजन और बोगी को लाने के बाद बकायदा इसका कायाकल्प कर समारोह पूर्वक कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा की मुख्य उपस्थिति में लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया।लेकिन यहां सांसद और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की खलती कमी जनचर्चा का विषय बनी रही। इस संबध में सांसद ढालसिंह बिसेन ने संपर्क करने पर कहा कि ना ही मुझसे समय लिया गया और ना ही किसी प्रकार का संपर्क किया गया।

जिसकी अनुशंसा पर हुआ काम, उसे ही भूल गए जिम्मेदार
जानकारी के अनुसार सासंद ढालसिंह बिसेन की अनुशंसा और प्रयास से 70 लाख रूपये के रेल का इंजन रेल्वे विभाग से मिला था। जिनके प्रयास के चलते ही बालाघाट इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्राहलय परिसर में रेल का इंजन लाया गया था। जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। लेकिन हैरानी की बात है कि बालाघाट सिवनी के सांसद डॉ ढालसिंह बिसेन इस आयोजन से नदारद दिखाई दियें। इस संबध में जब सांसद बिसेन से और उनके प्रतिनिधियों से चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि इंजन और बोगी के लोकर्पण कार्यक्रम को लेकर ना ही उनसे संपर्क किया गया और ना ही समय मांगा गया। इससे साफ जाहिर होता है कि सांसद बिसेन की उक्त कार्यक्रम के आयोजको के द्वारा उपेक्षा की गई है। जबकि इतिहास पुरातत्व संग्राहलय में अध्यक्ष, सांसद की उपेक्षा कर इस आयोजन में खुद प्रमुख अतिथि बनकर मौजूद रहे और बकायदा फीता काटकर इंजन और निर्माण कार्यो का लोकर्पण भी किया।

दिन भर चर्चा का बाजार रहा गर्म
बताया जा रहा है कि इतिहास और पुरातत्व शोध संग्रालय लाखो रूपये के नेरोगेज रेल इंजन लाये जाने और बोगी को लेकर आमजनो में जबरदस्त उत्साह बना हुआ था, लेकिन इसके लोकर्पण कार्यक्रम में कलेक्टर गिरीश मिश्रा को बुलाकर भव्य कार्यक्रम की इतिश्री कर ली गई। जिसमें बकायदा डॉ वीरेंद्र सिंह गहरवार, कुलदीप बिलथरे, ओमप्रकाश हयारण, डॉ कविता गहरवार समेत अन्य आयोजक और अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस आयोजन को लेकर सांसद या अन्य जनप्रतिनिधि को अतिथि के रूप में ना बुलाया जाना चर्चा का विषय बना रहा। जिसकी चर्चा सुबह से शाम तक चलती रही और हर कोई इस विषय पर अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया देता रहा। हालांकि कैमरे के सामने किसी ने तो कुछ नहीं कहा लेकिन ऑफ द रिकॉर्ड लोग तरह-तरह की बातें करते हुए नजर आए।

बुलाने की बात तो दूर, पूछे तक नहीं – बिसेन
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान सांसद ढालसिंह बिसेन ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि उन्होंने रेलवे इंजन को बालाघाट संग्रहालय में स्थापित करने के लिए कई प्रयत्न किए हैं। कई बार रेलवे को पत्र लिखा है कई बार डीआरएम से मुलाकात की है लंबे चले प्रयास के बाद आखिरकार उन्हें सफलता मिली और उनकी अनुशंसा पर ही नैरोगेज का इंजन बालाघाट संग्रहालय को प्राप्त हुआ। जिसका आज लोकार्पण हो चुका है यह जानकारी मुझे अन्य पत्रकारों के माध्यम से भी प्राप्त हुई है।मुझे इस कार्यक्रम में बुलाना तो दूर की बात उनसे कार्यक्रम को लेकर पूछा भी नहीं गया जबकि दो दिन पूर्व बालाघाट में ही थे। हमें क्यों नहीं बताया गया इसकी जानकारी हमें नहीं है ।

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