BJP vs Congress Over Judge Appointment: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा वकील और पूर्व भाजपा प्रवक्ता आरती साठे को बॉम्बे हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश करने की खबरों के बाद विवाद छिड़ गया है। इसे लेकर कांग्रेस बीजेपी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस नेता अनंत गाडगिल ने पूछा है कि क्या भाजपा सरकार कभी उनकी पार्टी के किसी प्रवक्ता को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश करेगी? उधर, भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि वह 2023 में पार्टी से इस्तीफा दे चुकी हैं।
कांग्रेस ने पूछा बीजेपी से सवाल
पार्टी प्रवक्त गाडगिल ने एक बयान में कहा कि कुछ कांग्रेस प्रवक्ता प्रतिष्ठित वकील हैं। उन्होंने पूछा, क्या भाजपा सरकार किसी कांग्रेस प्रवक्ता को न्यायाधीश बनाने की सिफारिश करेगी? अन्ना मैथ्यू बनाम सुप्रीम कोर्ट और कृष्णमूर्ति बनाम भारत संघ जैसे ऐतिहासिक सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए गाडगिल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केवल राजनीतिक पृष्ठभूमि के आधार पर किसी उम्मीदवार को न्यायिक पद के लिए अनुशंसित किए जाने से अयोग्य नहीं ठहराया जाना चाहिए, लेकिन एक पूर्व पार्टी प्रवक्ता की नियुक्ति के नैतिक निहितार्थ बेहद चिंताजनक हैं।
कूलिंग-ऑफ अवधि पर भी उठाए सवाल
भाजपा के इस तर्क पर कि कांग्रेस सरकारों ने अतीत में ऐसी सिफारिशें की थीं, गाडगिल ने कहा कि किसी भी कांग्रेस सरकार ने न्यायिक पद के लिए अपने प्रवक्ता की सिफारिश नहीं की। उन्होंने चुनावी राजनीति में प्रवेश करने के इच्छुक सेवानिवृत्त सैन्य और सिविल सेवा अधिकारियों के लिए कूलिंग-ऑफ अवधि लागू करने और हाल ही में सेवानिवृत्त हुए न्यायाधीशों को संसदीय पदों पर नियुक्त करने की अनुमति देने में विरोधाभास की ओर भी इशारा किया।
क्या राजनीतिक दल का चेहरा न्यायपालिका में हो सकता है?
उन्होंने दावा किया, जब से नरेंद्र मोदी सरकार ने बिना किसी कूलिंग-ऑफ अवधि के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को संसद में नियुक्त करना शुरू किया है, आम नागरिकों में बेचैनी की भावना बढ़ रही है। गाडगिल ने सवाल किया कि क्या यह स्वीकार्य है कि एक व्यक्ति जो किसी राजनीतिक दल का चेहरा रहा हो, न्यायपालिका का चेहरा बन जाए। उन्होंने पूछा, क्या यह नैतिक रूप से सही है कि एक व्यक्ति जो किसी राजनीतिक दल का चेहरा रहा हो, न्यायपालिका का चेहरा हो सकता है?