बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर वैक्सीन ही एक कारगर उपाय है जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा शासन स्तर पर तय किए गए लक्ष्य के आधार पर अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ा रहा है लेकिन पिछले महीने से वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी पड़ गई है यदि इसकी वजह पर गौर करें तो जिन क्षेत्रों में कृषि कार्य जोरों पर है और लोग परहा पानी के कार्य में जुटे हुए हैं वे लोग अब वैक्सीन लगाने से परहेज कर रहे हैं। अधिकांश किसानों का कहना है कि वर्तमान में कृषि कार्य बहुत आवश्यक है यदि वे वैक्सीन लगवाते है तो वैक्सीन लगाने के बाद बुखार और हाथ पैर में तकलीफ बढ़ जाती है और इस दौरान वे कृषि कार्य करने में सक्षम नहीं होते इसलिए वे कृषि कार्य निपटाने के बाद टीका लगवाएंगे। गौरतलब है कि वैक्सीनेशन के लिए शासन के द्वारा तय किए गए सेशन के आधार पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले में विभिन्न क्षेत्रों में वैक्सीनेशन कैंप लगाकर आमजन को वैक्सीन का प्रथम और द्वितीय डोज लगाया जा रहा है और अब तक स्वास्थ्य विभाग को बेहतर सफलता भी मिली है काफी विकास खंडों में लक्ष्य से ज्यादा वैक्सीनेशन कार्य करने में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सफल रहा है।
3 विकासखंडों में परहा पानी के चलते वैक्सीनेशन कार्यक्रम ठप
जिले के तीन विकासखंड बैहर लांजी और वारासिवनी में किसान पूरी तत्परता के साथ कृषि कार्य में जुटे हुए हैं जिसके कारण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल करने में स्वास्थ्य विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है लांजी क्षेत्र में वैसे तो 60 फीसदी लोगों ने वैक्सीन का प्रथम डोज लगा चुके हैं लेकिन इस क्षेत्र में वैक्सीन का दूसरा डोज लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग वैक्सीनेशन कैंप लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है लांजी क्षेत्र में वैक्सीनेशन शिविर लगाए जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सर्वे भी कराया गया है लेकिन वहां के अधिकांश ग्रामीण वर्तमान में कृषि कार्य में जुटे हुए हैं जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग इन तीन विकासखंड को छोडक़र अन्य क्षेत्रों में वैक्सीनेशन के लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास कर रहा है वैक्सीनेशन को लेकर अब तक स्वास्थ्य विभाग को इन लालबर्रा सहित अन्य विकास खंडों में व्यापक सफलता मिली है और बड़ी संख्या में लोगों ने टीके लगवाए हैं।
15 अगस्त के बाद लगवाएंगे टीका- मेघराज राणा
पद्मेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान जरेरा के किसान मेघराज राणा ने बताया कि वर्तमान में परहा पानी का सीजन है और इस दौरान टीका लगवाना काफी मुश्किल है क्योंकि यदि टीका लगाएंगे तो बुखार हाथ पैर दर्द जैसे लक्षण पैदा होंगे जिसके चलते खेत में काम नहीं कर पाएंगे इसलिए वे टीका लगाने से परहेज कर रहे हैं उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में 15 अगस्त तक परहा पानी का काम पूरा हो जाएगा और इसके बाद सभी ग्रामीण स्वेच्छा से वैक्सीनेशन कैंपर जाकर टीका लगाएंगे।
परहा चल रहा है इसलिए नहीं लगवाया टीका- कमल लिल्हारे
पद्मेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान आम गांव निवासी कमल लिल्हारे ने बताया कि परहा पानी चल रहा है इसलिए उन्होंने टीका नहीं लगवाया है क्योंकि डॉक्टरों के द्वारा बताया गया है कि यदि टीका लगाया जाता है तो 2 दिन तक बुखार आता है हाथ पैर में दर्द होता है इस डर से उन्होंने टीका नहीं लगवाया श्री लिल्हारे ने बताया कि उनके गांव में 75 प्रतिशत लोगों ने टीके लगवा चुके हैं 25 प्रतिशत बचे हुए हैं जैसे ही कृषि कार्य समाप्त होता है तो बाकी लोग भी टीका लगाने की ओर ध्यान देंगे।
गांव में काफी कम लोग लगा रहे टीका- जीवन लाल
इस संदर्भ में चर्चा के दौरान ग्रामीण जीवन लाल ने बताया कि उनके गांव में भी कृषि कार्य चल रहा है इसलिए काफी लोगों ने टीका नहीं लगाया है वैसे तो उन्होंने दोनों टीका लगवा चुके हैं लेकिन गांव में जागरूकता फैलाई जाए तो स्वास्थ्य विभाग को टीकाकरण अभियान को दिशा देने में काफी आसानी जाएगी।
बारिश और कृषि कार्य से प्रभावित हुआ वैक्सीनेशन अभियान – जिला टीकाकरण अधिकारी
इस संदर्भ में पद्मेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान जिला टीकाकरण अधिकारी परेश उपलप ने बताया कि वर्तमान में काफी क्षेत्रों में कृषि कार्य चल रहा है और बारिश भी लगातार हो रही है जिससे वैक्सीनेशन कार्य प्रभावित हुआ है कुछ दिन पूर्व लक्ष्य हासिल करने में भी दिक्कतें हो रही थी लेकिन वर्तमान में वैक्सीनेशन प्रक्रिया में तेजी आने लगी है उन्होंने कहा कि अब ऐसे क्षेत्रों को फोकस किया जा रहा है जहां पर कृषि कार्य नहीं चल रहा है और परहा पानी के बाद लोग वैक्सीन लगाने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि जिले के काफी ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर रात्रि 8:00 बजे तक वैक्सीनेशन प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है ताकि लोगो को किसी तरह की परेशानी ना हो उन्होंने बताया कि लांजी का भी रिव्यू लिया गया था जहां वैक्सीन का दूसरा डोज लगाए जाने पर विचार किया जा रहा था लेकिन इस क्षेत्र में वैसे तो 60 फीसदी वैक्सीनेशन हो चुका है। लेकिन क्षेत्र में अभी कृषि कार्य में ग्रामीण जन जुटे हुए हैं इसलिए वैक्सीनेशन के लिए यह ब्लॉक चयनित नहीं किया जा रहा है लांजी के अलावा बैहर में भी यही स्थिति है वारासिवनी में भी वैक्सीनेशन काफी कम हुआ है लेकिन चार-पांच दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी।