हजरते इस्माइल अलैहिस्सलाम की कुर्बानी की याद के तौर पर ‘ईद-उल-अजहा‘ बुधवार को मनाया गया। चूंकि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है, ऐसे में बड़े ही अहतियात के साथ बुधवार को ईद मनाई गई। शासन के आदेशानुसार शहर की मस्जिदों में केवल 50 एवं ईदगाहों में 5 लोगों की मौजूदगी में ईद उल अजहा की नमाज अदा की गई। शहर काजी अब्दुल हमीद कादरी ने बताया कि अल्लाह के हुक्म पर हजरते इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अपने बेटे हजरते इस्माइल अलैहिस्सलाम को अल्लाह की राह में कुरबानी के लिए पेश कर दिया था। इसी की याद को ताजा करने के लिए ईद मनाई जाती है।
ग्वालियर जिले में करीब 200 व शहर में करीब 75 मस्जिदें हैं, जहां केवल 50 लोगों की मौजूदगी में ही नमाज अदा हुई। वहीं जीवाजीगंज, मोतीझील, मुरार, थाटीपुर, कंपू, अवाड़पुरा, घासमंडी समेत अन्य ईदगाहों में भी केवल 5 लोग ही नमाज अदा की। सुबह 7 से 9 बजे के बीच ईद उल अजहा की नमाज अदा की गई। जिसके बाद लोगों ने अपने-अपने घरों में बकरों की कुर्बानी देने की रस्म अदा की गई।
सांप्रदायिक सद्भाव के साथ शहर में ईद मनाई गई। इस दौरान इंटरनेट मीडिया पर लोगों ने एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी, जबकि सगे संबंधियाें काे फाेन के जरिए ईद की शुभकामनाएं दी। कोरोना के खतरे को ध्यान में रखते हुए शारीरिक दूरी का यथासंभव पालन लोगों द्वारा किया गया। बाजारों में भी ईद के चलते खासी चहल-पहल थी, लाेगाें ने बाजाराें में पहुंचकर जमकर खरीदारी की थी।