जिले में उद्योग एवं रेलवे का विकास करना पहली प्राथमिकता – भारती

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नगर मुख्यालय स्थित शासकीय महाविद्यालय में १४ जून को सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र की नवनिर्वाचित सांसद श्रीमती भारती पारधी के मुख्य आतिथ्य, महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेन्द्रकुमार खण्डायत की अध्यक्षता एवं जिला पंचायत सदस्य डुलेन्द्र ठाकरे, झामसिंह नागेश्वर, विधायक प्रतिनिधि अनिल बबली शर्मा, जनपद उपाध्यक्ष किशोर पालीवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर सर्वप्रथम उपस्थित अतिथियों ने माँ सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष दीप प्र’वलित कर माल्यार्पण किया तत्पश्चात महाविद्यालय प्रशासन के द्वारा नवनिर्वाचित सांसद, महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति अध्यक्ष श्रीमती भारती पारधी को शाल, श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया एवं जिले की पहली महिला सांसद बनने पर शुभकामनाएं दी गई। साथ ही महाविद्यालय में जो भी कमी है उसे दूर कर सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाने की भी मांग की गई। सम्मान समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र की नवनिर्वाचित सांसद श्रीमती भारती पारधी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी संगठन में जो दायित्व मिला उसका मैने पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन किया जिसके बाद नगरपालिका का चुनाव लड़ी और मेरी मंशा थी कि मैं नगरपालिका की अध्यक्ष बनू। लेकिन शासन के द्वारा नियमों में संसोधन किया गया कि अब पार्षद मिलकर अध्यक्ष चुनेगें उस समय में असमंजस्य की स्थिति में थी कि चुनाव लड़ू या नही क्योंकि पार्षद चुनाव लड़ूगी तो मुझे धोखा मिलेगा और पार्षद चुनाव जीतने के बाद मेरे साथ धोखा ही हुआ उस समय मुझे बहुत दु:ख हुआ। लेकिन आज लगता है कि ईश्वर सबके लिए कुछ न कुछ देता है, हम कभी-कभी कुछ चीज के लिए दु:खी होते है लेकिन ईश्वर हमारे लिए बहुत बड़ा सोचकर रखते है और वे समय आने पर हमें दे देते थे। शायद में नगरपालिका एवं जिला पंचायत की अध्यक्ष बन जाती तो इस पद पर नही पहुंच पाती, जो भी होता है वह अ’छे के लिए होता है और ईश्वर ने सबके लिए अ’छा ही लिखा है। श्रीमती पारधी ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव के बाद मेरा ईश्वर से श्रध्दा एवं विश्वास अधिक बढ़ गया है, मैं आप लोगों को बताना चाहती हूं कि पार्षद की टिकिट के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी और बड़ी कठिनाई के बाद मुझे टिकिट मिली और पिछले दो लोकसभा चुनाव से बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र से टिकिट मांग रही थी और बोधसिंह भाऊ व डॉ. ढालसिंह बिसेन के समय से पार्टी टिकिट की मांग कर रही थी परन्तु मुझे टिकिट नही मिली। २०२४ के लोकसभा चुनाव में टिकिट के लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं से आवेदन-निवेदन कर वापस आ गई थी और जब भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा प्रत्याशी की पहले चरण की लिस्ट जारी की। जिसमें पांच सीटों को होल्ड कर रोक दिया गया तो मुझे लगा कि अब टिकट मुझे मिलेगी इतना विश्वास मुझे इस का बात था एवं न्यूज़ चैनलों में अनेक नाम की हैडलाइन चलती रही पर मुझे विश्वास था कि इस बार लोकसभा की टिकिट मुझे ही मिलेगी और सबके आशीर्वाद से टिकिट मिलने के बाद कार्यकर्ताओं की मेहनत एवं जनता के आशीर्वाद से ऐतिहासिक जीत हुई है। श्रीमती पारधी ने कहा कि क्षेत्र की जनता ने सेवा के लिए मुझे ५ साल का समय दिया है और इन ५ वर्षों में जनता की सेवा एवं ऐसे विकास कार्य किये जायेगें जिससे यह ५ वर्ष का कार्यकाल यादगार बन जायेगा। साथ ही यह भी कहा कि बालाघाट जिले में खनिज संपदा, वन संपदा का भंडार है जिसका लाभ क्षेत्र की जनता को मिलना चाहिए और इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है रेलवे की डबल लाईन जो हमें सीधे महानगरों से जोड़े, वर्तमान समय में हम लोगों को महानगरों की ओर जाना है तो गोंदिया, नागपुर व जबलपुर जाना पड़ता है जिसके कारण हमें समय व रूपये भी अधिक लगते है इसलिए मेरी पहली प्राथमिकता डबल रेल लाईन एवं उद्योग धंधे खोलना है ताकि मजदूरों का पलायन रूक सके और उन्हे जिले में ही रोजगार मिल सके जिसके लिए विभागीय अधिकारियों चर्चा की जायेगी। श्रीमती पारधी ने कहा कि मैं इस महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष के साथ-साथ सांसद के दायित्वों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा से करूंगी एवं शिक्षा के क्षेत्र में महाविद्यालय के विकास के लिए पालक के रूप में सदैव उपस्थित रहूँगी और संपूर्ण संसदीय क्षेत्र का विकास किया जायेगा। वृहत्ताकार सेवा सहकारी समिति लालबर्रा पूर्व अध्यक्ष, वर्तमान विधायक प्रतिनिधि अनिल बबली शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे पिताश्री स्व. भीकमचंद शर्मा जी ने क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा मिल सके इसलिए उन्होने पूर्व में ही ११ एकड़ जमीन शिक्षा के लिए दान कर दी थी और उन्ही के द्वारा दान की गई भूमि पर शासकीय महाविद्यालय का निर्माण हुआ है जिससे उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने वाले विद्यार्थी अब लालबर्रा क्षेत्र में ही अपनी उच्च शिक्षा पूर्ण कर रहे है और मेरे द्वारा इस महाविद्यालय का नाम दानदाता स्व. भीकमचंद जी शर्मा शासकीय महाविद्यालय लालबर्रा किये जाने की अनेकों बार मांग की गई है परन्तु राजनीतिक द्वेष भावना के चलते नही हो पाया था इसलिए वर्तमान सांसद महोदय से मांग है कि महाविद्यालय का नाम दानदाता स्व. भीकमचंद शर्मा शासकीय महाविद्यालय लालबर्रा किया जाये। कार्यक्रम को अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया।

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