जुलाई माह बीता लेकिन नही मिली पुस्तक : विद्यार्थी हो रहे परेशान

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क ओर तो सरकार शासकीय शालाओं के परीक्षा परिणाम में सुधार लाने और शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए कई तरह के प्रयोग कर रही है। दूसरी ओर ११ वी और १२ के विद्यार्थियों को जुलाई महीना बीत जाने के बाद भी किताबें नसीब नही हो पायी है। इससे इस बात का पता चलता है कि किस प्रकार हमारे सरकार के मंत्री शिक्षा के प्रति गंभीर है। यह सभी को पहले से ज्ञात होता है कि जुलाई में प्रवेश प्रक्रिया के साथ ही शिक्षण कार्य भी शालाओं में प्रारंभ हो जाता है। उसके बाद भी शालाओं में किताब का नही होना सरकार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है। जबकि अगस्त माह बीत जाने के बाद सितंबर माह में तिमाही परीक्षा आयोजित होती है। यदि किताबों की स्थिति ऐसी ही रही तो फिर बच्चें किस प्रकार से तिमाही परीक्षा की तैयारियों को मूर्त रूप दे पाएंगे सोचा जा सकता है। वर्तमान शिक्षण सत्र वर्ष २०२२ – २३ में जुलाई का पूरा एक महीना बीत जाने के बाद भी आज हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्र.छात्राएं पाठ्यपुस्तकों की कमी से झूझ रहे है। जिसके कारण न केवल विद्यार्थियों को बल्कि अध्यापन कार्य में लगे विषय शिक्षकों को भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ब्रीज कोर्स एमिडलाइन टेस्ट आदि जो कक्षा ९ वी में लिये जाते हैं उसे कैसे शिक्षकों द्वारा पूर्ण किया गया होगा। स्कूलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकास खण्ड के अंतर्गत लगभग सभी हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में किताबों का अभाव देखा जा रहा है। कक्षा ९ वी और १० वी के छात्र.छात्राओं को तो कुछ हद तक किताबे प्राप्त हो भी गई  है। हालांकि जिस संख्या में प्राप्त हुई है वह भी छात्रों के लिए कहीं कहीं ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। लेकिन कक्षा ११ वी और १२ वी के छात्र छात्राओं को बिल्कुल भी किताबें नही मिलने से उन्हें पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ प्राचार्यों ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि किताबें नही पहुंच पाने के कारण वह लोग पुराने बच्चों से किताबें मांगकर काम चला रहे है। जिससे कि किताबें पहुंचने तक ११ वी और १२ वी के बच्चों का काम चल सके और पढ़ाई प्रभावित न होने पाये। कुछ अधिकारियों की माने तो यह हाल प्रतिवर्ष का है। कभी.कभी तो माह अक्टूबर तक भी किताबें शालाओं को वितरित होने को रहती है।
इनका कहना है
११ वी और १२ वी की किताबें अभी तक जबलपुर से प्राप्त नही हो पायी है। आज ही इस इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा की गई है। कुछ शालाओं में ९ वी और १० वी की पुरानी किताबें वितरित की गई है। जैसे ही प्राप्त होंगी बच्चों को वितरित कर दी जाएगी।
बीइओ खैरलांजी
बीइओ की लॉगिन आईडी से ही डिमांड भेजी जाती है। खैरलांजी में  ११ वी और १२ वी की किताबें अप्राप्त होने की जानकारी प्राप्त हुई है। प्राप्त होने के बाद वितरित कर दी जाएगी।
अश्विनी कुमार
उपाध्याय डीइओ बालाघाट

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