टाइगर शिकार मामला: डीएनए टेस्ट से पुष्टि तीन बाघों की हुई हत्या, एमपी-राजस्थान आए एक साथ

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भोपाल: मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच एक चिंताजनक खबर सामने आई है। डीएनए जांच में पता चला है कि एमपी-राजस्थान कॉरिडोर में तीन बाघों को मारा गया है। यह कॉरिडोर कूनो, माधव और रणथंभौर को जोड़ता है। शिकारियों के एक गिरोह ने इस काम को अंजाम दिया। पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच अभी जारी है।

पुलिस को श्योपुर और शिवपुरी जिलों से कुछ हड्डियां मिली थीं। इन हड्डियों की जांच की गई। जांच में पता चला कि ये हड्डियां बाघों की हैं। ये बाघ रणथंभौर टाइगर रिजर्व से भटक गए होंगे। इसके बाद शिकारियों ने उन्हें मार दिया। नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर ने हड्डियों की जांच की। इस जांच से वन्यजीव अधिकारियों में चिंता है। रणथंभौर से 10 बाघ लापता हैं। इस मामले में यह जांच एक अहम सुराग दे सकती है। मध्य प्रदेश के एक वन अधिकारी ने कहा कि यह एक बड़ा सुराग हो सकता है। मध्य प्रदेश सरकार राजस्थान सरकार से डीएनए प्रोफाइल मिलाने में मदद मांग रही है। रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर अनूप नायर ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है।

जांच में जुटी एजेंसियां

अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) केएल कृष्णमूर्ति ने हमारे सहयोगी टीओआई को बताया कि फॉरेंसिक ने पुष्टि की है कि हड्डियां और खोपड़ियां तीन बाघों की हैं। हमने अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है। एमपी और राजस्थान की संयुक्त टीम जांच कर रही है। मामले की गहराई तक जाने के लिए और फॉरेंसिक मदद ली जा रही है।

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