तालिबान से मुकाबले को तैयार हो रही भारतीय सेना, मिलेगा नया ट्रेनिंग मॉड्यूल

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अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आते में भारत में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की जाने लगी है। देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए अब भारतीय जवानों को नए मॉड्यूल के तहत ट्रेनिंग दी जाएगी। नए ट्रेनिंग मॉड्यूल को तालिबान को केंद्रित कर संचालित किया जाएगा और तालिबान की जिस तरह की युद्ध रणनीति रहती है, उसको ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। गौरतलब है कि तालिबान के सत्ता में आते ही पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के एक बार फिर सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है और दक्षिण एशिया में आतंकी घटनाएं एक बार फिर बढ़ सकती है।

बीते महीने अफगानिस्तान में तालिबान की जीत के बाद भारतीय सेना और सशस्त्र पुलिस बल लगातार अपनी रणनीति को समीक्षा कर रही है। कुछ दिन पहले ही यह भी आशंका जताई गई कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत की पश्चिमी सीमा पर चौकसी बढ़ाना जरूरी हो गया है क्योंकि पाक सीमा से आतंकी घुसपैठ को बढ़ावा मिल सकता है, जिसमें कई विदेशी आतंकी भी शामिल हो सकते हैं।

सुरक्षा मामलों से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि BSF और SSB जैसे सीमा सुरक्षा बलों, राज्य पुलिस इकाइयों और सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस जैसे आतंकवाद विरोधी कर्तव्यों में शामिल जवानों को नए मॉड्यूल के तहत ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग में 9/11 आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में जो भी घटनाक्रम हुआ है, उसे भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।

IED को लेकर ट्रेनिंग महत्वपूर्ण

ट्रेनिंग के दौरान सुरक्षाबलों को IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) और वाहन से चलने वाले VBIED के बारे में कर्मियों को जानकारी देने के लिए भी कहा गया है। सुरक्षा मामलों से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक IED हर जगह सुरक्षाकर्मियों और उनके संचालन के लिए एक निरंतर खतरा बना रहता है,चाहे वह नक्सल विरोधी अभियान हो या आतंकवाद विरोधी अभियान। कश्मीर घाटी में तैनात जवानों के लिए तो IED और VBIED के बारे में जानना, उन्हें पता लगाना और निष्क्रिय करने जैसी जानकारी होना काफी महत्वपूर्ण है।

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