नई दिल्ली : महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव के साथ-साथ यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों की तस्वीर धीरे-धीरे साफ हो रही है। रुझानों में बीजेपी की अगुआई वाली महायुति की महाराष्ट्र में प्रचंड आंधी चलती दिख रही है। 288 सीटों वाले सूबे में सत्ताधारी गठबंधन डबल सेंचुरी ठोकता नजर आ रहा है। सियासी लिहाज से सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में बीजेपी की अगुआई में एनडीए 7-2 से आगे है। उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साख दांव पर लगी थी। दूसरी तरफ, झारखंड में बीजेपी को जबरदस्त झटका लगा है और कांग्रेस-जेएमएम-आरजेडी गठबंधन जबरदस्त जीत की तरफ से बढ़ रही हैं। उपचुनाव तो 15 राज्यों की 46 विधानसभा और 2 लोकसभा सीट पर भी हुए लेकिन महाराष्ट्र, झारखंड के साथ-साथ यूपी में योगी आदित्यनाथ ने जबरदस्त चुनाव-प्रचार किया था। अगर ये रुझान नतीजों में बदलते हैं तो इससे बीजेपी के कद्दावर नेता में तब्दील हो चुके यूपी के सीएम का कद और ज्यादा बढ़ाने वाला है। उन्होंने आक्रामक चुनाव प्रचार किया था और पूरा चुनाव एक तरह से उनके ही दिए नारे ‘बटेंगे तो कटेंगे’ पर केंद्रित हो गया था।
छा गए योगी आदित्यनाथ!
यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में सीधे-सीधे योगी आदित्यनाथ की साख दांव पर लगी थी। यहां अगर बीजेपी का प्रदर्शन खराब होता तो इसका सीधा असर उनके सियासी भविष्य पर पड़ता। बतौर सीएम योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में और अब दूसरे कार्यकाल के दौरान भी रह-रहकर ऐसी खबरें आती रहती हैं कि यूपी बीजेपी बंटी हुई है। एक तरफ योगी हैं तो दूसरे तरफ उनके खिलाफ भी कुछ स्वर मुखर होते रहते हैं। विपक्ष और खासकर अखिलेश यादव भी बीजेपी के भीतर कथित गुटबाजी को, ‘दिल्ली बनाम लखनऊ’ की लड़ाई की अटकलों को हवा देने का कोई मौका नहीं छोड़ते। जाहिर है, घर में चुनाव हारने का मतलब होता सीधे-सीधे योगी आदित्यनाथ का कमजोर पड़ना। इतना कुछ दांव होने के बावजूद, योगी ने न सिर्फ यूपी उपचुनाव में प्रचार की खुद कमान संभाली, बल्कि व्यस्तता के बावजूद महाराष्ट्र और झारखंड में भी पार्टी के लिए जबरदस्त चुनाव प्रचार किया।