नगर में महाराष्ट्रीयन वट सावित्री व्रत का हुआ आयोजन

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। नगर सहित क्षेत्र में सुहागिन महिलाओं ने सुहाग की दीर्घायु के लिए रखे जाने वाला महाराष्ट्रीयन वट सावित्री वृत १० जून को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें सुबह से ही नगर में स्थित बड़ के वृक्ष के पास बड़ी मात्रा में सुहागिन महिलाओं का जत्था देखा गया। जिनके द्वारा व्रत धारण कर विधि विधान से वट सावित्री की पूजा कर कथा का वाचन किया गया। विदित हो कि यह व्रत माता सावित्री ने अपने पति के प्राण यमराज से वापस लाने के लिए रखा था। जिसकी तप शक्ति से माता सावित्री ने अपने पति के प्राण यमराज से वापस लाया और अपने पति को जीवनदान दिया था। इसके बाद से वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाओं के द्वारा किया जाता है यह दो तिथि यानि सामन्य व महाराष्ट्रीयन कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता हैं। जिसमें वह अपने सुहाग की दीर्घायु की कामना करती है।

महाराष्ट्रीयन महिलाओं ने रखा वट सावित्री व्रत

वट सावित्री व्रत प्रतिवर्ष दो तिथियों में मनाया जाता है जिसमें एक सामान्य वट सावित्री व्रत एकादशी को होता है और दूसरा महाराष्ट्रीयन महिलाओं के द्वारा वट सावित्री व्रत पूर्णिमा को रखा जाता है। जिसमें मंगलवार को महाराष्ट्रीयन वट सावित्री व्रत नगर में मनाया गया। जिसमें महिलाओं के द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना करने के उपरांत पति की दीर्घायु की कामना कर अगले दिन व्रत छोड़ा जायेगा। इस दौरान नगर के तहसील कार्यालय, फॉरेस्ट विभाग ,राम मंदिर, शिव मंदिर ,काली पाठ मंदिर सहित गली मोहल्ले और अन्य स्थान पर बड़ी संख्या में महिलाओं के द्वारा स्नान ध्यान कर व्रत धारण कर सुसज्जित पूजा की थाल के साथ वट सावित्री व्रत की पूजा में आवश्यक सामग्री को लेकर नगर के विभिन्न स्थानों पर स्थित वट सावित्री व्रत की पूजा के स्थल यानी बड़ के वृक्ष के पास पहुंचकर विधि विधान से बड़ के वृक्ष की पूजा अर्चना की गई। तत्पश्चात श्रीफ ल मौसमी फ ल चढ़ाकर वृक्ष के चारों ओर घूम कर कर वृक्ष को सूत चढ़ाकर पति की लंबी उम्र की कामना के साथ सदा सुहागन का वरदान मांगा गया। जिसके बाद सभी सुहागिन महिलाओं ने एक दूजे को हल्दी कुमकुम दिया। इस अवसर पर सुहागिन महिलाओं सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

पति की दीर्घायु की कामना के लिए किया जाता है व्रत-आरती मेश्राम

श्रीमती आरती मेश्राम ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी वट सावित्री व्रत मनाया जा रहा है। जिसमें सभी सुहागिन महिलाओं ने व्रत धारण कर पति की दीर्घायु के लिए वटवृक्ष के पास पूजा अर्चना करने पहुंची है। इसी कड़ी में वे भी अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत धारण कर वट सावित्री की पूजा अर्चना करने पहुंची है। श्रीमती मेश्राम ने बताया कि यह व्रत हजारों वर्षों पूर्व से मनाया जा रहा है जो माता सावित्री ने अपने पति सत्यवान के लिए किया था। तभी से सभी सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की दीर्घायु के लिए उक्त व्रत को धारण करती है। जिसमें व्रत धारण कर वट वृक्ष की विधि विधान से पूजा अर्चना कर श्री फल और मौसमी फ ल चढ़ाकर पूजा की जाती है। जिसमें सबसे महत्व सूत चढ़ाने का है जो वट वृक्ष के चारों ओर घूमकर चढ़ाया जाता है। तत्पश्चात एक दूसरे को हल्दी कुमकुम देकर सदा सुहागन रहने की कामना की जाती है।

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