एक नाबालिग लड़की का अपहरण और उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में आरोपी मनीष पिता कोमल नगपुरे 22 वर्ष को 20 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई। 17 मई को यह फैसला लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश श्रीमती नौशीन खान की अदालत में सुनाया। विद्वान अदालत ने लालबर्रा क्षेत्र के ग्राम कनकी बंजारी टोला निवासी इस आरोपी को 20 वर्ष की कठोर कारावास के अलावा 11 हजार रुपए अर्थदंड से भी दंडित किये है।
अभियोजन के अनुसार 27 अक्टूबर 2021 को दोपहर 12:00 बजे अभियोक्त्रि अपनी मां को ग्लोबल स्कूल के पास छोड़ कर घर वापस जाने निकली थी किंतु शाम 6:00 बजे तक वापस नहीं आई जिसकी मोहल्ले एवं आसपास तलाश किए। पता नहीं चलने पर 29 अक्टूबर 2021 को कोतवाली बालाघाट में अभियोक्त्रि के गुम होने की रिपोर्ट उसके परिवार वालों द्वारा की गई थी। 31 अक्टूबर 2021 को अभियोक्त्रि को दस्तयाब किया गया था। पूछताछ करने पर उसने बताई की अभियुक्त मनीष को वह पिछले 2 वर्षों से जानती है जो लोहा सेंटरिंग का काम करता है। जिसकी उससे बातचीत होती रहती थी। 27 अक्टूबर 2021 को देवटोला गई थी यहा मकान का निर्माण काम चल रहा था। मनीष वहीं पर काम कर रहा था। मनीष ने उसे शादी करना चाहता हूं बोला था। किंतु उसने शादी करने से मना कर दी थी। उसके बाद 12 वह घर से निकली उसे मनीष मिला उसने उसे कनकी आने बोला था। नहीं आई तो देख लेने की धमकी दी थी। डर के कारण वह बस से कनकी गई। जहां उसे मनीष मिला और मनीष ने उसे अपने पिताजी की चाय दुकान में ले गया जो बंद रहती थी। वहां पर मनीष ने उसे 4 दिन तक रखा और उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। अभियोक्त्रि से पूछताछ करने के बाद इस मामले में मनीष नगपुरे के विरुद्ध धारा 363 366 376(2)एन भादवि, धारा5(L)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर,, इस अपराध में मनीष को गिरफ्तार करने के बाद विवेचना अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था ।हाल ही में यह मामला लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश श्रीमती नौशीन खान की अदालत में चला। जहां अभियोजन पक्ष आरोपी मनीष नगपुरे के विरुद्ध धारा 363 366 376(2)एन भादवि एवं धारा 5(L)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अपने विवेचन निष्कर्ष और उपलब्ध साक्ष्य आधार पर आरोपी मनीष नगपुरे को धारा 366 भादवि के तहत अपराध में 7 वर्ष का कठोर कारावास और 1000 रुपए अर्थदंड, धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास और 10000 रुपए अर्थदंड से दंडित किए। इस मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती कपले द्वारा पैरवी की गई थी।










































