सुवासरा। नगर के वार्ड दो में नगर परिषद द्वारा छह माह पहले 900 मीटर डब्ल्यूसबीएम रोड का निर्माण किया है। लगभग नौ लाख रुपये की लागत वाले रोड पर नगर परिषद प्रशासक, सीएमओ और इंजीनियर की अनदेखी और लापरवाही वार्डवासियों पर भारी पड़ रही है। इंजीनियर पर पहले ही रोड का घटिया निर्माण कराने का आरोप है और अब रोड को दुरुस्त करने के बजाय उस पर रात में मुरम डलवा दी है। जबकि सीएमओ ने निरीक्षण के दौरान रोड को घटिया स्तर का बताकर नोटिस जारी किया था।
कुछ समय पहले इसी मार्ग को लेकर सीएमओ द्वारा जारी नोटिस में लिखा गया था कि रोड पर एग्रीगेट पैकिंग और रोलिंग घटिया होने से रोड उखड़ गया है। इस नोटिस के बावजूद इंजीनियर ने मुरम डालने से पहले न तो ठेकेदार से रोलर चलवाया और न ही पानी का छिड़काव कराकर लेवल किया। अब स्थिति यह है कि नौ लाख रुपये के इस रोड की गिट्टी आस-पास जमा होकर ऊंची-नीची हो गई है और बीच में केवल मुरम रह गई है। मुरम डाले जाने के दौरान ही क्षेत्र के जगदीश, शिवनारायण, प्रभूलाल मेहर, अजय कुमार, प्रदीप सहित कई लोगों ने सीएमओ को फोन कर रोड को लेकर आपत्ति जताई थी। तब सीएमओ ने इंजीनियर से बात करने का बोलकर मामले को टाल दिया था। बताया जा रहा है कि रोड सुधार से पहले ही नगर परिषद द्वारा ठेकेदार को रोड का भुगतान भी कर दिया। इसमें भी कई लोगों ने आपत्ति की थी।
प्रतिबंध के बावजूद मुरम कहा से आई
नप के इंजीनियर कुछ दिन पहले ही बताया था कि डब्ल्यूबीएम सड़क पर लाल मुरम बिछाना शेष है। खनन पर प्रतिबंध होने के कारण लाल मुरम नहीं मिल पा रही है, लेकिन अब इंजीनियर ने रात में ही लाल मुरम बिछा दी है। प्रतिबंध के बावजूद लाल मुरम कहां से मिली। यह भी जांच का विषय है।
-वार्ड में बनी सड़क को लेकर नोटिस जारी किया था। गत रात्रि में वार्ड दो के लोगों का कॉल आया था। रोड का फिर से निरीक्षण किया जाएगा। अगर कार्य व्यवस्थित नहीं हुआ है तो सुधरवाया जाएगा। -संजय राठौर, सीएमओ, नगर परिषद सुवासरा