कोतवाली पुलिस ने रेलवे में नौकरी दिलाने वाले रतलाम जिले के एक गिरोह का खुलासा किया है। इनका मास्टर माइंड रतलाम कांग्रेस सेवादल जिलाध्यक्ष बालूदास बैरागी हैं। पुलिस ने बैरागी सहित दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। वहीं दो आरोपित फरार हैं। यह अभी तक पश्चिम रेलवे के गुप सी एवं डी में नौकरी दिलाने के नाम पर पांच युवकों के 20-22 लाख रुपये ठग चुके हैं। वहीं फर्जी नियुक्ति प्रक्रिया भी कुछ इस तरह से करते थे कि युवकों को असली जैसी ही लगती थी। हालांकि अभी ठगे गए रुपयों की जब्ती नहीं हो पाई है।
एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि 25 वर्षीय यशवंत पुत्र गोपाल माली निवासी कोठारी नगर ने शहर कोतवाली में रिपोर्ट कराई थी कि मदनलाल माली निवासी खिलचीपुरा व रतलाम कांग्रेस सेवादल जिलाध्यक्ष बालूदास बैरागी निवासी हरियाखेड़ा तहसील जावरा जिला रतलाम ने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर पश्चिम रेलवे में ग्रुप सी और ग्रुप डी में नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी की है।
कोतवाली टीआई अमित सोनी के नेतृत्व में टीम ने साइबर सेल के तकनीकी सहयोग से जानकारियां एकत्र कर आरोपित 52 वर्षीय मदनलाल माली, 48 वर्षीय बालूदास पिता मांगूदास बैरागी को अभिरक्षा मे लेकर पूछताछ की गई। आरोपितों ने बताया कि हमने बेरोजगार लड़कों से रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर 5 से 12 लाख रुपये तक लेने की बात कही थी। इसमें जैसे-जैसे नौकरी की प्रोसेस होती जाएगी, वैसे-वैसे किश्तों में रुपये लेते जाएंगे।
मामले में मदन पुत्र प्रहलाद गुर्जर निवासी गुराड़िया जाट, सिवनी मालवा व रतलाम का रेलवे कालोनी का निवासी विक्रम बाथम फरार है। इस मामले में टीआई अमित सोनी, कोतवाली उप निरीक्षक भारत भाबर, उनि विष्णु वास्कले डीएसबी मंदसौर, सउनि प्रेमसिंह हटीला, प्रधान आरक्षक विनोद नामदेव, आरक्षक अमित मिश्रा डीएसबी मंदसौर, आरक्षक मोहित पंवार एवं प्रधान आरक्षक आशीष बैरागी सायबर सेल ने मिलकर गिरोह की जानकारी एकत्र कर पकड़ा।
रतलाम के रेलवे ग्राउंड पर ले जाकर भरवाए आवेदन
आरोपितों ने सभी लड़कों को अवने साथी मदन गुर्जर व विक्रम बाथम को रेलवे का बड़ा अधिकारी बताकर मिलवाया। रतलाम में डीआरएम आफिस के पास रेलवे खेल ग्राउंड में ले जाकर सभी लड़कों से फर्जी आवेदन फार्म भी भराएं। यहां पहली किश्त में के 2 से 3 लाख रुपये लेकर सभी को रेलवे अस्पताल रतलाम में मेडिकल कराने बुलाया। सभी का मेडिकल रेलवे अस्पताल रतलाम में फर्जी तरीके से कराया था। उसके बाद सभी लड़कों ने जब नियुक्ति लिए दबाव बनाया तो पश्चिम रेलवे के चर्च गेट मुंबई स्थित मुख्यालय पर ले जाकर सभी को फर्जी नियुक्ति लेटर दे दिए और 15 दिन में सभी की ज्वाइंनिंग रेलवे में कराने की बोलकर एक–एक लाख रुपये और ले लिए। साथ ही जो भी फर्जी दस्तावेज लड़कों को देते थे वह एक-दो दिन में वापस ही ले लेते।
बेरोजगारों पर फेंकते थे जाल
गिरोह के सदस्य नौकरी की तलाश कर रहे नवयुवकों के स्वजनों को टारगेट करते थे। उनसे जान-पहचान बढ़ाने के बाद पश्चिम रेलवे के मुख्यालय में अच्छी सेटिंग होना बताकर रुपये लेकर भर्ती की पूरी प्रक्रिया इस तरह से कराते थे कि वह असली जैसी लगती थी। फर्जी भर्ती आयोजित कर रेलवे में नियुक्ति आदेश, रिक्रूटमेंट, भर्ती के दस्तावेज भी असली जैसे ही तैयार कर लेते थे। फरार आरोपित विक्रम बाथम रतलाम की रेलवे कालोनी में ही कोच का काम करता है तो रेलवे के खेल मैदान पर भी सभी बेरोजगारों को लेत गए। और कुछ इसी तरह की सेंटिंग कर रेलवे अस्पताल में भी मेडिकल करा लिया।