वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत झाडग़ांव स्थित शासकीय भूमि पर झाडग़ांव निवासी पूर्व जनपद अध्यक्ष चिंतामन नगपुरे के द्वारा अवैध रूप से कई वर्षो से अतिक्रमण कर तालाब का निर्माण किया गया था । जिस पर ग्राम पंचायत झाडग़ांव के द्वारा २९ जनवरी २०२४ को अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई। यह कार्यवाही न्यायालय नायब तहसीलदार वारासिवनी के बेदखली सूचना पत्र एवं वारासिवनी सिविल न्यायालय के आदेश पर पंचायत के माध्यम से की गई। इस कार्यवाही में अधिकारियों के उदासीनता देखने मिला जहां पटवारी के अलावा दूसरा कोई अधिकारी उपस्थित नहीं हो पाया। ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायत के द्वारा ग्रामीणों की उपस्थिति में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही जेसीबी के माध्यम से की गई। इस दौरान मौके पर पूर्व विधायक डॉ योगेंद्र निर्मल, विधायक विवेक विक्की पटेल ,सरपंच प्रतिनिधि पवन चिखले सहित अन्य जनप्रतिनिधि व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे जिन्होंने प्रशासन की निष्क्रियता पर खेद व्यक्त किया।
यह है पुरा मामला
झाडग़ांव निवासी पूर्व जनपद अध्यक्ष चिंतामन नगपुरे के द्वारा उक्त भूमि पर लंबे समय से अतिक्रमण कर तालाब का निर्माण करवाया गया है जहां पर उनके द्वारा मछली पालन का कार्य किया जाता है। वर्तमान में भी वहां पर उनके द्वारा मछली का बीज डाला गया है जो उनकी एक आय का माध्यम बना हुआ है । परंतु इस तालाब के कारण मार्ग पर चलने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है कि सामने का कुछ दिखाई नहीं देता है जो कि दुर्घटना होने की संभावना हमेशा बनी रहती है। जो अवैध अतिक्रमण है जिसको लेकर झाडग़ांव सरपंच श्रीमती भाग्यश्री पवन चिखले के द्वारा शासकीय भूमि के बचाव को लेकर तहसील कार्यालय में प्रकरण दर्ज करवाया गया था। जिसमें ६ मार्च २०२३ को न्यायालय नायब तहसीलदार वारासिवनी के द्वारा पूर्व जनपद अध्यक्ष चिंतामन पिता मदनलाल नगपुरे ग्राम झाडग़ांव निवासी को शासकीय भूमि पर बनाए गए तालाब का अतिक्रमण पाया जाने पर बेदखली सूचना पत्र जारी किया गया था। वह भूमि पर किए गए अतिक्रमण को ७ दिवस के भीतर हटा ले अन्यथा शासकीय व्यय पर कब्जा हटाया जाएगा। जिसमें आने वाले समस्त खर्च की वसूली भू राजस्व की भांति आपसे वसूल की जायेगी। उसके बाद भी प्रशासन एवं अतिक्रमणकर्ता के द्वारा अतिक्रमण नहीं हटने पर वारासिवनी न्यायालय में सरपंच के द्वारा मामला दायर किया गया था। जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती प्रीति चैतन्य चौबे की अदालत के द्वारा ग्राम पंचायत के हक में ७ अगस्त २०२३ को फैसला दिया गया था परंतु उसके बाद भी प्रशासन के द्वारा इस ओर कोई सक्रियता दिखाते हुए कार्यवाही नहीं की गई। जिस पर पंचायत के द्वारा २९ जनवरी २०२४ को उक्त अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करने को लेकर एसडीएम वारासिवनी ,तहसीलदार वारासिवनी ,एसडीओपी वारासिवनी ,थाना प्रभारी रामपायली को तीन दिवस पहले पत्र दिया गया था परंतु इसमें भी किसी प्रकार की रुचि नहीं दिखाई दी गई। जिसमें नायब तहसीलदार की न्यायालय एवं वारासिवनी न्यायालय के आदेश पर ग्राम पंचायत के द्वारा ग्रामीणों की उपस्थिति में अतिक्रमण हटाने का कार्य किया गया।