बालाघाट: पटवारियों की हड़ताल से राजस्व का नुकसान, जमीन की रजिस्ट्री तक अटका काम

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10 अगस्त 2021 से अपनी लंबित मांगों की वजह से हड़ताल कर रहे पटवारियों के कारण शासकीय काम प्रभावित होने के साथ ही अब शासन को रोजाना राजस्व की हानि भी होने लगी है। दूसरी ओर पटवारियों की प्रथम चरण की वार्ता विफल रहने के बाद हड़ताल जारी है जिस कारण हड़ताल कब तक समाप्त होगी यह कहा नहीं जा सकता।

संयुक्त मोर्चा पटवारी जिला संघ के अध्यक्ष देवेंद्र पारधी और पटवारी संघ के जिला अध्यक्ष अरुण बिरनवार ने पद्मेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान बताया कि पटवारियों की हड़ताल की वजह से खरीफ की फसल कार्य की गिरदावरी मतलब जिले के कितने क्षेत्र में खरीफ की फसल लगाई गई है। इसका सर्वे काम पूरी तरह प्रभावित हो गया है। हाल के दिनों में यदि जिले के भीतर अतिवृष्टि या फिर कीट व्याधि का प्रकोप फसल पर लगता है तो इसका आकलन करना मुश्किल हो जाएगा कि कितने क्षेत्र में फसल लगी थी और कितना नुकसान हुआ।

पटवारियों की हड़ताल की वजह से जमीन के लंबित प्रकरणों एसडीएम न्यायालय में पेंडेंसी बढ़ती जा रही है। जमीन के प्रकरणों के लिए जिले वासियों द्वारा मुख्यमंत्री शिकायत 181 के प्रकरणों की संख्या भी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।

इन सब से कहीं अधिक प्रभाव शासन को सीधे राजस्व पहुंचाने वाली जमीन की खरीदी बिक्री के दौरान होने वाली रजिस्ट्री पर पढ़ रहा है। पटवारियों के प्रतिवेदन के बिना जमीन की रजिस्ट्री नहीं होती। 10 अगस्त से पटवारी हड़ताल पर हैं जिस कारण जमीन खरीदी बिक्री के लिए प्रतिवेदन का कार्य बंद हो चुका है। बीते 1 सप्ताह के दौरान जमीन की रजिस्ट्री की घटती संख्या इस बात का ताजा उदाहरण है।

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