बालाघाट(पद्मेश न्यूज)। वर्तमान में शासन के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिए जाने के लिए काफी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है लेकिन जमीनी स्तर पर देखें तो यह योजना पूरी तरह फ्लॉप हुई है बालाघाट जिले के परसवाड़ा ब्लॉक से जुड़े करीब 18 गांव में नेटवर्किंग की व्यवस्था आजादी के बाद से अब तक नहीं हो पाई है जिसके कारण हजारों ग्रामीणों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जहां एक और पंचायत स्तर से जुड़े कार्यों को पूरा करने में पंचायत प्रतिनिधियों रोजगार सहायक सचिव को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर नेटवर्क ना होने के कारण इन क्षेत्रों में ऑनलाइन पढ़ाई ठप होने के कारण छात्रों के भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है इस समस्या को लेकर मंगलवार को ग्राम पंचायत मोहनपुर कावेरी कसंगी चालीसबोड़ी के ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
बी एस एन एल के अलावा नहीं कोई दूरसंचार सेवा
परसवाड़ा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मोहनपुर कावेरी कसंगी चालीसबोड़ी के अंतर्गत करीब 2 दर्जन से अधिक स्कूल आते हैं वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण स्कूलों में शैक्षणिक प्रक्रिया संचालित नहीं की जा रही है हालांकि मोबाइल से ऑनलाइन पढ़ाई किए जाने के छात्र छात्राओं को निर्देश दिए गए हैं इन क्षेत्रों में वर्तमान में केवल बी एस एन एल का टावर है लेकिन यह टावर भी सही तरीके से संचालित नहीं हो पा रहा है जिसके कारण मोबाइल से बातचीत करने में भी लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं नेटवर्किंग सुविधा ठप होने के कारण बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पा रही है जिसके कारण उनके भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है इस समस्या को लेकर ग्रामीणों के द्वारा बीते कई सालों में धरना प्रदर्शन आंदोलन और चक्का जाम तक किया गया लेकिन इसके बाद भी आज तक नेटवर्क समस्या से ग्रामीणों को निजात नहीं मिल पाई है।
बरसों से नेटवर्क की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण- धनलाल उईके
इस संदर्भ में चर्चा के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि परसवाड़ा ब्लॉक के करीब 18 गांव में अब तक नेटवर्किंग को लेकर किसी तरह के कारगर प्रयास नहीं किए गए इन क्षेत्रों में करीब आधा सैकड़ा से अधिक स्कूल है लेकिन कोरोना महामारी के चलते स्कूल बंद है वही मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई किए जाने के शिक्षा विभाग के निर्देश है लेकिन इन क्षेत्रों में केवल बी एस एन एल का टावर है जिससे केवल मोबाइल से बात ही करना संभव है और किसी तरह के कार्य नहीं किया जा सकता जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो रही है और बच्चों का भविष्य अंधकार में हो चुका है इसके अलावा यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शुमार है नेटवर्किंग ना होने के कारण हमेशा ही अनहोनी घटित होने की संभावना बनी रहती है इस समस्या को लेकर लगातार ग्रामीणों के द्वारा धरना प्रदर्शन आंदोलन किया गया लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई सभी ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इन क्षेत्रों में बेहतर व्यवस्था बनाए जाने की मांग की।