विद्वान सत्र न्यायाधीश अमरनाथ केशरवानी की अदालत ने हत्या के आरोपी मितेंद्र उर्फ छोटू ठाकरे पिता पूरनलाल ठाकरे 42 वर्ष वार्ड नंबर 33 मोतीनगर बालाघाट निवासी को हत्या के आरोप में दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास और 10 हजार रुपयेअर्थदंड से दंडित किए। इस आरोपी के विरुद्ध अपने वृद्ध पिता पूरनलाल ठाकरे 72 वर्ष की हत्या करने का आरोप था।
मिली अनुसार पूरनलाल ठाकरे सिंचाई विभाग में एसडीओ थे। जो 2007 में सेवानिवृत्त हुए थे।
पूरनलाल ठाकरे के साथ पत्नी शकुंतला और मितेन्द्र ठाकरे रहता था। मितेंद्र कोई काम नहीं करता था । जिसकी प्रताड़ना से परेशान होकर पत्नी भी उसे छोड़ चुकी थी। मितेंद्र ठाकरे अपने पिता और मां को पैसों के लिए आए दिन मारपीट करते रहता था। बीच-बचाव करने आए पड़ोसियों से भी विवाद करते रहता था ।
10 अगस्त 2018 की रात्रि 10 बजे मितेंद्र ठाकरे शराब पीकर घर आया और पैसों के लिए अपने पिता पूरनलाल की बेरहमी से पिटाई कर दी, इस दौरान पुरान लाल ठाकरे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिन्हें जिन्हें रात्रि 3 बजे जिला अस्पताल बालाघाट लाकर भर्ती किए थे। 11 अगस्त 2018 को पूरनलाल को बेहतर उपचार हेतु गोंदिया के अस्पताल में ले जाकर भर्ती किये थे । लेकिन हालत ठीक न होने पर शाम 5 बजे वापस बालाघाट ला लिए थे। किंतु रास्ते में पूरनलाल की मौत हो गई।
मर्ग जांच उपरांत पूरनलाल ठाकरे की हत्या करने के आरोप में आरोपी मितेन्द्र ठाकरे के विरुध धारा 302 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर उसे इस अपराध में गिरफ्तार किया गया और अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था।
उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपी मितेन्द्र ठाकरे को धारा 302 भादवि के तहत अपराध में दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किए। इस मामले में शासन की ओर से लोक अभियोजक एमएम द्विवेदी ने पैरवी की थी।