बालाघाट : योजनाओ का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की प्राथमिकता !

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। जिले के नवागत कलेक्टर डॉ गिरीश मिश्रा ने जिला कलेक्टर का पदभार संभालने के बाद गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागृह में पत्रकारों से सौजन्य भेंट की।  पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि बालाघाट जिला ग्रामीण बाहुल्य जिला है जिसको देखते हुए सोशल सेक्टर से संबंधित योजनाएं स्वास्थ्य शिक्षा को बेहतर ढंग से संचालित किए जाने को लेकर कार्य किए जाएंगे उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के चलते प्रशासन के लिए नक्सल समस्या एक यूनिक चैलेंज है नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं में इजाफा कर इस समस्या को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा  कोविड-19 के पड़ोसी राज्यों में बढ़ते प्रकरण को लेकर उन्होंने कहा कि पड़ोसी जिलों के अधिकारियों से बैठक लेकर चर्चा कर आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे वहीं शहर की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने कहा कि शहर की साफ सफाई को प्राथमिकता में लेकर शहर को स्वच्छ बनाने का कार्य किया जाएगा। वहीं उन्होंने राजस्व वसूली में इजाफा किए जाने को लेकर सकारात्मक कदम उठाने की बात कही। करीब 3 साल से परामर्श दात्री की बैठक आयोजित ना होने के संदर्भ में नवागत कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा कि परामर्श दात्री की बैठक शासन की रीढ़ होती है और इस बैठक का शीघ्र आयोजन किया जाएगा। उन्होंने पत्रकारों से सकारात्मक सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि बालाघाट जिले में शासकीय योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जायेगा। जहां पर कमियां होगी उन्हें दूर करने का प्रयास किया जायेगा। प्रशासनिक कार्यों में और कसावट लाने का प्रयास किया जायेगा। आम जन की समस्याओं को सुलझाने के लिए जनसुनवाई एक अच्छा माध्यम है। ऐसी व्यवस्था बनायी जायेगी कि इसमें सभी अधिकारी बैठ कर आवेदकों की समस्याओं को सुनेंगें। नगरीय क्षेत्रों की समस्याओं पर भी ध्यान दिया जायेगा। जिले के दूरस्थ एवं आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। कलेक्टर डॉ मिश्रा ने पत्रकारों के साथ इस परिचयात्मक बैठक में बताया कि उन्होंने वेटनरी सर्जन की पढ़ाई की है। पूर्व में उनका चयन भारतीय वन सेंवा (आईएफएस) के अधिकारी के रूप में हुआ था। वन विभाग में सेवायें देने के उपरांत वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए है। सुलाजपुर में एसडीएम, पन्ना एवं दमोह में जिला पंचायत सीईओ रहने के बाद उनकी पदस्थापना अपर आयुक्त आबकारी विभाग, ग्वालियर में की गई थी। कलेक्टर डॉ मिश्रा ने बताया कि वे मूलत: उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिले के बदलापुर ब्लाक के ग्राम तियरा के निवासी है। ग्रामीण परिवेश से जुड़े होने के कारण उन्हें ग्रामों की स्थिति एवं ग्रामीणों की समस्याओं के बारे में जानकारी है और उनका प्रयास होगा कि दूरस्थ क्षेत्र के ग्रामों तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचे।
कलेक्टर की सहजता के चर्चे
अस्पताल मे΄ मरीजो΄ से की चर्चा, आरएमओ डॉ अरुण ला΄जेवार कि थपथपाई पीठ, पशु चिकित्सा विभाग के अमले के साथ दिखाई आत्मीयता
बुधवार की दोपहर 4 बजे ग्वालियर से स्थानांतरित होकर बालाघाट पहुंचे नवागत कलेक्टर डॉ गिरीश मिश्रा के पदभार लेते ही पूरे जिले में चर्चा यही व्याप्त थी कि नए कलेक्टर साहब कैसे हैं? कैसा उनका मिजाज और कैसा उनका काम करने का तरीका है? लेकिन गुरुवार को नवागत कलेक्टर के कार्य करने की शैली और कार्य करने की प्रणाली लोगों से मिलने के दौरान सहजता के व्यवहार की जो तस्वीर दिखाई दी अब उससे भी ज्यादा अधिक चर्चा का विषय बनी हुई है। 
एक पंक्ति में बैठे कलेक्टर
बुधवार को कलेक्टर का पदभार संभालने के बाद गुरुवार को अपने कार्यकाल के पहले दिन जैसे ही सुबह वे कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे तो सबसे पहले मिलने वालों में पशु चिकित्सा विभाग का पूरा अमला सौजन्य भेंट के लिए पहुंच गया। थोड़ी देर की फॉर्मेलिटी के बाद कलेक्टर डॉ गिरीश मिश्रा बड़ी ही आत्मीयता के साथ पशु चिकित्सा विभाग के अमले से मिले इस दौरान वे पशु चिकित्सा के चिकित्सकों की पंक्ति में ही बैठ गए, साथ बैठे कुछ पशु चिकित्सकों ने कैमरे में सेल्फी लेकर तस्वीर कैद की। जो तस्वीरें सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल हुई उसे देखकर लोग चर्चा करने लगे कि बड़े साहब को देखिए कितनी सहजता के साथ पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ चर्चा कर रहे हैं।
मरीज से दुलार-आरएमओ की थपथपाई पीठ

दोपहर 3 बजे पत्रकारों से सौजन्य मुलाकात और उसके बाद जिला अस्पताल का भ्रमण करने पहुंचे कलेक्टर डॉ गिरीश मिश्रा ने जैसे ही अस्पताल में प्रवेश किया कुछ मरीजो ने अपनी समस्या बतानी चाही तो  बीमार मरीज के चेहरे पर अपने हाथों से दुलार किया और पूछ लिया कि बताएं क्या तकलीफ है। साहब का इस तरह का व्यवहार देख अस्पताल में मौजूद स्वास्थ विभाग के आला अधिकारी कर्मचारी और स्वयं मरीज आश्चर्यचकित रह गए। अस्पताल के निरीक्षण के दौरान एक और बेहतर चीज उपस्थित जनों ने देखी वह थी युवा चिकित्सक और जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ अरुण कुमार लांजेवर  से कलेक्टर डॉ गिरीश मिश्रा की चर्चा इस दौरान कभी आरएमओ लांजेवर के कंधे पर हाथ रखते तो कभी पीठ पर हाथ रखकर कुछ दूर चलते और बातें करने लगते।
नवागत कलेक्टर से बंधी उम्मीद
निश्चित जिले के आला अधिकारी का इतना अधिक सहज और सरल व्यवहार अपने कार्यकाल के पहले दिन ही चर्चा का विषय बन गया, लोगों में उम्मीद बंध गई कि बड़े साहब से अपनी समस्याएं बताई जा सकती है उनकी समस्या का निदान हो सकता है।

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