बालाघाट बेटी के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में एक कुकर्मी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई ।बैहर के विद्वान लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश भू भास्कर यादव की अदालत ने इस आरोपी को आजीवन कारावास के अलावा 55 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। यह घटना सन 2017 में जिले के बिरसा थाना क्षेत्र में आने वाले एक गांव में हुई थी।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विमल सिंह ने बताया कि यह नाबालिग अभियोक्त्रि अपने माता पिता के साथ में रहती थी। जो कक्षा आठवीं पढ़ रही थी ।तब से उसका पिता उसके साथ छेड़छाड़ करते रहता था ।इस घटना के बारे में अभियोक्त्रि ने अपनी मां को बताई थी ।किंतु बदनामी के डर से रिपोर्ट नहीं की थी। अभियोक्त्रि अपने पिता के द्वारा की जा रही छेड़छाड़ से परेशान होकर के अपने दादा दादी के पास चली गई थी और वही पड़ने लगी थी। जून 2017 में अभियोक्त्रि अपनी चाची के साथ अपनी बुआ के घर जाने के लिए बैहर आई थी। बैहर में उसके पिता ने उसे देख लिया था और उसने उसे जबरदस्ती अपने साथ घर ले गया। घर में इस आरोपी पिता के साथ उसकी छोटी बहन रहती थी। 24 जून 2017 की रात्रि 9:00 अभियोक्त्रि अपनी बहनों के साथ सो रही थी। तब उसके आरोपी पिता ने उसे जबरदस्ती दूसरे कमरे में ले जाकर बलात्कार किया और उसकी गर्दन में चाकू रख दिया था उसे बचाने के लिए अभियोक्त्रि की छोटी बहन आई तो उसे मार डालने की धमकी दी ।अगले दिन घटना के संबंध में अभियोक्त्रि ने अपने पड़ोसियों को बताई किंतु किसी ने कुछ सहयोग नहीं दिया। दूसरे दिन यह आरोपी पिता बिरसा बाजार गया था। तब अभियोक्त्रि अपनी छोटी बहन के साथ घर से भाग कर अपनी चाची के घर गांव गई। वहां से फोन करके अभियोक्त्रि ने घटना के संबंध में अपनी बड़ी मां तथा चाचा को बताई अभियोक्त्रि द्वारा की गई रिपोर्ट पर उसके पिता आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया और विवेचना उपरांत इस आरोप में आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था ।लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश भू भास्कर यादव की अदालत मैं चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष आरोपी के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने बेटी के साथ बलात्कार करने वाले इस आरोपी पिता को धारा 376 376 (2)(एफ) भा द वि एवं धारा 4,6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपए अर्थदंड धारा 506 भादवी के तहत 2 वर्ष का सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किये। इस मामले में अभियोजन की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डेहरिया के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ऋतुराज कुमरे द्वारा पैरवी की गई थी।










































