भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में अगले साल से पीजी की 147 सीटें बढ़ाने की तैयारी

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भोपाल । राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज में 2021-22 के सत्र से मेडिकल पीजी मे 147 सीटें बढ़ाने के तैयारी है। कॉलेज प्रबंधन ने इसके लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी ) और मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय को आवदेन कर दिया है। इन सीटों के लिए एनएमसी की टीम का निरीक्षण भी शुरू हो गया है। अलग-अलग विभाग के लिए अलग-अलग टीमें आएंगी। मेडिसिन विभाग में सीटें बढ़ाने के लिए टीम पिछले हफ्ते आई थी।कॉलेज की डीन डॉ. अरुणा कुमार ने बताया कि प्रस्तावित सीटें बढ़ने की पूरी उम्मीद है। इसकी वजह यह कि इन सीटों के लिहाज से कॉलेज में पर्याप्त संसाधन हैं। फैकल्टी की संख्या भी पर्याप्त है। उन्‍होंने बताया कि पीजी सीटें बढ़ने से मरीजों को भी सुविधा हो जाएगी। वहीं प्रदेश को विशेषज्ञ चिकित्सक मिल सकेंगे। पीजी का कोर्स तीन साल का होता है। ऐसे में सभी सीटें बढ़ती हैं तो अस्पताल में ओपीडी, वार्ड और सर्जरी के लिए हर साल 147 के मान से 441 जूनियर डॉक्टर मिल जाएंगे।

अलग विभाग बनने के बाद सुपरस्पेशियलिटी कोर्स शुरू होंगेगांधी मेडिकल कॉलेज में न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी और गैस्ट्रो मेडिसिन (उदर रोग विभाग) चार नए विभाग बनाए जा रहे हैं। डॉ. अरुणा कुमार ने बताया कि कॉलेज की कार्यकारिणी समिति से स्वीकृति के बाद विभाग बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। यह विभाग शुरू होने के बाद इनमें सुपरस्पेशियलिटी (डीएम और एमसीएच) का कोर्स भी श्ाुरू किया जा सकेगा। हर विभाग में कम से कम दो सीटें होंगी। अभी कॉलेज में बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी और कॉर्डियोलॉजी में सुपरस्पेशियलिटी कोर्स चल रहा है। नए कोर्स शुरू होने से इसका फायदा मरीजों को भी मिलेगा। प्रदेश में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी दूर हो सकेगी।

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