राजधानी में साहूकारी एक्ट के तहत नगरीय क्षेत्र में लायसेंस देने का अधिकार नगर निगम के पास है, लेकिन नगर निगम से अब तक एक भी व्यक्ति ने इस तरह का लायसेंस नहीं लिया है। इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीएम को अधिकार है लेकिन भोपाल के ग्रामीण क्षेत्र हुजूर और बैरसिया में अब तक किसी भी ग्रामीण ने भी इस तरह का लायसेंस नहीं लिया है। खास बात तो यह है कि शहर में जितने भी सोना-चांदी के व्यापारी हैं, वह भी बिना किसी लिखा-पढ़ी के जेवर गिरवी रखकर ब्याज पर पैसा देते है, लेकिन किसी भी व्यक्ति ने इस तरह का लायसेंस नहीं लिया। इसके चलते प्रशासन को ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने में परेशानी हो रही है। अब जिला प्रशासन एक टोल-फ्री नंबर जारी करने जा रहा है। जिसमें कोई भी व्यक्ति सूदखोरों के खिलाफ शिकायत कर सकता है। शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी, वहीं शिकायतकर्ता का नाम भी गोपनीय रखा जाएगा। इसके लिए अलग से अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी
बता दें कि विगत दिनों पिपलानी थाना क्षेत्र के आनंद नगर में जोशी परिवार के पांच लोगों ने सूदखोरों से परेशान होकर जहर पी लिया था। इसके चलते परिवार के सभी सदस्यों की मौत हो गई है। वहीं मुख्यमंत्री ने सूदखोरों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। इसके बावजूद जिला प्रशासन के पास सूदखोरों की कोई सूची नहीं मिल पा रही है। हैरत की बात तो यह है कि साहूकारी एक्ट को प्रदेश में लागू हुए तीन साल से अधिक का समय बीत गया है। इसके बावजूद शहर में किसी भी सूदखोर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है।
2018 और 2019 में भी सूदखोरों से परेशान होकर खुदकुशी के सामने आए थे मामलेबताया जा रहा है कि 2018 में भी राजधानी के एक परिवार ने सूदखोरों से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी। उस समय भी मामला उठा कार्रवाई की बात हुई लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हो पाई। इसके बाद 2019 में भी एक किसान परिवार ने सूदखारों से परेशान होकर आत्महत्या की कोशिश की थी।