मध्य प्रदेश पटवारी संघ ने जिला कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

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तहसील कार्यालय में मध्य प्रदेश पटवारी संघ वारासिवनी के द्वारा 23 मई को जिला कलेक्टर के नाम कानूनगो शाखा प्रभारी को ज्ञापन सौंप कर पटवारियों पर की गई सभी कार्यवाही को वापस लेने की मांग की गई। वही तीन दिवसीय कार्य से विरत रहने व सीमांकन कार्य में किसी प्रकार का सहयोग ना करने की बात कही गई। ज्ञापन में उल्लेखित है कि मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया गया था कि समान कार्य समान वेतन के आधार पर मध्यप्रदेश के पटवारियों को 2800 ग्रेड पे दी जाये। वही पटवारियों के पास संसाधन की कमी है ऐसे में विशेष भर्ती अभियान अंतर्गत नियुक्त 500 राजस्व निरीक्षकों द्वारा सीमांकन कार्य नहीं किये जाने से पटवारियों पर पूर्व से अधिक कार्य होने व अन्य विधिक व्यावहारिक कारणों से प्रदेश के पटवारी द्वारा सीमांकन कार्य नहीं किया जायेगा। जब तक पटवारियों को समान कार्य समान वेतन के आधार पर 2800 ग्रेड पे नहीं दिया जाता है वह समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है तब तक पटवारी सीमांकन कार्य नहीं करेगा और ना ही सीमा के बारे में किसी प्रकार का सहयोग करेगे। किंतु इसके बावजूद प्रदेश के विभिन्न जिलों में जिला कलेक्टर के द्वारा पटवारियों पर सीमांकन कार्य नहीं किए जाने से निलंबन की कार्यवाही की गई है और अन्य कार्यवाही भी प्रचलन में है। उदाहरण के लिए सिंगरौली जिले में 15 पटवारियों को निलंबित किया गया है और सीधी जिले में 100 से ऊपर पटवारियों पर निलंबन नो वर्क नो पे की कार्यवाही हुई है। कुछ जिलों के जिला प्रशासन ने सीमांकन के जो आंकड़े शासन को प्रस्तुत किए हैं उनकी फील्ड की वस्तु स्थिति की जांच कराई जाये कि इनके द्वारा कब चौहद्दी काश्तकारों को नोटिस जारी किए गए और वह उन्हें तमिल हुए है कि नहीं। क्योंकि अधिकांश सीमांकन निरस्त कर आकड़ो की संख्या बढ़ाई गई है जिला प्रशासन द्वारा शासन नियमों का पालन ना कर केवल संख्या बढ़ाने में वाहवाही लूटने के उद्देश्य से गलत सीमांकन किये गये हैं। अधिकांश सीमांकन से ग्रामीण असंतुष्ट है जबकि मुख्यमंत्री ने आमजन को सुविधा प्रदान करने के लिए अभियान चलाया था लेकिन कुछ जिला प्रशासन द्वारा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस अभियान में पलीता लगाने का कार्य किया जा रहा है जो मुख्यमंत्री की मंशा के विपरीत है जिससे शासन की भी छवि धूमिल हो रही है। ऐसे में प्रशासन के द्वारा सभी कार्यवाही को यदि 24 घंटे के अंदर 24 मई तक वापस नहीं लिया जाता है तो मध्य प्रदेश पटवारी संघ के निर्णय अनुसार प्रदेश के संपूर्ण पटवारी तीन दिवस के सामूहिक अवकाश पर रहेंगे साथ ही शनिवार और रविवार का शासकीय अवकाश होने के कारण सोमवार को ही अपने कार्यस्थल पर उपस्थित हो पाएंगे। वहीं अन्य कार्य के संपादन को भी बंद करने पर विवश होना पड़ेगा जिसकी संपूर्ण उत्तरदायित्व संबंधित जिला कलेक्टर व शासन पर होगा। इस अवसर पर तहसील अध्यक्ष शांतनु दुबे सुरेश डहरवाल सहित अन्य पटवारी मौजूद रहे।

पटवारी रविन्द्र पटले ने पदमेंश से चर्चा में बताया कि प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर जिला कलेक्टर के नाम का ज्ञापन सौंपा गया है जिसमें शासन से मांग की गई है कि उनका समान कार्य समान वेतन की मांग को पूरी करते हुए 2800 ग्रेड पे दिया जाये। क्योंकि शासन के द्वारा हमें सीमांकन किए जाने की बात कही जा रही है जो राजस्व निरीक्षक का कार्य है जब हमें कार्य बड़ा कर दिया जा रहा है तो पेमेंट भी बढ़ानी चाहिये। श्री पटले ने बताया कि पूर्व से हमारे पास बहुत ज्यादा काम है जिसका संचालन करना बहुत मुश्किल हो रहा है ऐसे में इस प्रकार से सीमांकन का भी कार्य देना ठीक नहीं है। इस पर शासन प्रशासन को विचार करना चाहिए।

पटवारी संघ तहसील अध्यक्ष शांतनु दुबे ने बताया कि शासन के द्वारा पटवारियों को सीमांकन कार्य किए जाने के लिए बाधित किया जा रहा है। जिसके लिए मध्य प्रदेश पटवारी संघ के आह्वान पर ज्ञापन सौंपा गया है कि हमारे द्वारा सीमांकन कार्य नहीं किया जाएगा और ना ही इसमें किसी प्रकार का सहयोग किया जाएगा। क्योंकि इस आदेश के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में पटवारियों को निलंबित कर दिया गया है। श्री दुबे ने बताया कि शासन के द्वारा हमारी लंबित मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है जिसके कारण आज भी हमारी मांगे लंबित पड़ी हुई है। हमारी मुख्य मांग है कि पटवारियों पर जो कार्यवाही की गई है वह वापस ली जाए अन्यथा हम 3 दिन सामूहिक अवकाश पर रहेंगे और सीमांकन के कार्य में किसी प्रकार का सहयोग नहीं करेंगे वही हमें 2800 ग्रेड पे दिया जाये।

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