मध्‍य प्रदेश में सौ रुपये में सौ यूनिट बिजली की योजना से आयकरदाता बाहर,सिर्फ गरीबों को मिलेगा लाभ

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कमल नाथ सरकार द्वारा शुरू की गई सौ रुपये में सौ यूनिट बिजली देने की योजना का लाभ अब मध्यम वर्ग यानी आयकरदाता को नहीं मिलेगा। इसका लाभ सिर्फ गरीबों को मिलेगा। अभी छह लाख ऐसे चिंहित उपभोक्ता, इसका लाभ ले रहे थे जो शासकीय अधिकारी-कर्मचारी या आयकरदाता थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान यह निर्णय लिया गया। साथ ही तय किया गया कि बड़े बकायादारों के खिलाफ सख्ती के साथ वसूली अभियान चलेगा।कैबिनेट में विभागों के प्रस्तुतिकरण की शुरुआत की गई। गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि तय किया गया है कि प्रत्येक कैबिनेट बैठक में एक विभाग का विस्तृत प्रस्तुतिकरण होगा। ऊर्जा विभाग के प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि सौ रुपये में बिजली देने की योजना के दायरे में छह लाख ऐसे उपभोक्ता भी हैं, जो आयकरदाता है। इनमें अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ मध्यम वर्ग के लोग बड़े संख्या में शामिल हैं।बैठक में ही निर्णय लिया गया कि आयकरदाताओं को योजना (संबल) के दायरे से बाहर किया जाएगा। इस दौरान यह भी तय किया गया कि बड़े बकायादारों से वसूली के लिए सख्ती के साथ अभियान चलेगा। सहायक और कनिष्ठ यंत्री की पदस्थापना प्रदर्शन के आधार पर की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने गांवों में मीटर रीडिंग न होने और औसत आधार पर बिल देने का मुद्दा उठामे हुए कहा कि अनिवार्य रूप से मीटर रीडिंग होना चाहिए।कृषि मंत्री कमल पटेल ने बड़े बकायादारों की सूची सार्वजनिक स्थानों पर टांगने का सुझाव रखा। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि सरकार बिजली पर किसान सहित अन्य वर्ग को 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का सालाना अनुदान देती है। ट्रांसफार्मर अब सवा आठ लाख हो गए हैं। उपभोक्ता 1.62 करोड़ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य की ऊर्जा सौर ऊर्जा है इसलिए इस पर अधिक ध्यान दिया जाए।

सरकार के मंत्री हैं आप

बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि आप अपने विभाग के साथ-साथ सरकार के मंत्री हैं, इसलिए समस्त विभागों की जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए अब प्रत्येक कैबिनेट में विभागों को प्रस्तुतिकरण के साथ समीक्षा होगी। इससे सबको यह पता रहेगा कि किस विभाग में क्या चल रहा है।

इनका कहना

आयकरदाताओं और बड़े अधिकारी -कर्मचारियों को योजना के दायरे से बाहर करने का फैसला लिया है।

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