मेहुल चौकसी का नाम इंटरपोल रेड नोटिस लिस्ट से हटाया:PNB घोटाले के आरोपी ने अपील की थी; CBI ने चुप्पी साधी

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इंटरपोल ने भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम रेड नोटिस की लिस्ट से हटा दिया गया है। मेहुल ने रेड नोटिस (आमतौर पर रेड कॉर्नर नोटिस) के खिलाफ इंटरपोल के लियोन हेडक्वॉर्टर में अपील की थी।इस मामले पर अब तक CBI की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 14 हजार करोड़ रुपए के घोटाले में आरोपी है और फिलहाल फरार है।

195 देश इंटरपोल के मेंबर हैं। कानूनी रूप से इंटरपोल का रेड नोटिस किसी भी आरोपी के खिलाफ अलर्ट का सबसे बड़ा रूप है। रेड नोटिस जारी होने पर संबधित व्यक्ति को अस्थायी तौर पर हिरासत में लिया जा सकता है, अस्थायी तौर पर ही गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके बाद जिस देश में उसे गिरफ्तार किया गया है, उस देश के कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाती है। कई मामलों में उसे उस देश के हवाले (प्रत्यर्पण) कर दिया जाता है, जिस देश में वो वॉन्टेड होता है।

क्या होता है रेड नेाटिस?
इंटरपोल के मुताबिक, रेड नोटिस या रेड कॉर्नर नोटिस, दुनियाभर की लॉ एनफोर्समेंट के नाम एक अपील होती है जिसमें किसी व्यक्ति को ढूंढने या अस्थाई तौर पर गिरफ्तार करने की मांग होती है। रेड नोटिस उन लोगों के नाम जारी होता है जिनका प्रत्यर्पण, सरेंडर या इसके जैसी कोई कार्रवाई बाकी होती है। रेड नोटिस का मतलब अरेस्ट वॉरंट नहीं होता है।

इंटरपोल के सदस्य देशों को अपने खुद के कानूनों को देखते हुए यह तय करना होता है कि संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार करना है या नहीं। देशों की तरफ से दी गई जानकारी के आधार पर इंटरपोल जनरल सेक्रेटेरिएट रेड नोटिस लिस्ट को नियमित रूप से अपडेट करता रहता है।

क्यों रद्द हुआ रेड नोटिस?
चोकसी 2018 में देश छोड़कर भाग गया था। 10 महीने बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ। तब तक वह एंटीगुआ और बारबूडा में छिपा हुआ था। बाद में उसे यहां की नागरिकता मिल गई। चौकसी ने CBI की एप्लीकेशन के जवाब में दलील दी थी कि भारत में जेलों के हालात बहुत खराब हैं। वहां उसे जान का खतरा हो सकता है। इसके अलावा उसने सेहत से जुड़ी दलीलें भी दीं थीं।

इंटरपोल की पांच मेंबर्स की कमेटी ने इस पर सुनवाई की थी। इसे कमीशन फॉर कंट्रोल फाइल्स कहा जाता है। इस कोर्ट ये लीगल कमेटी को यह अधिकार हासिल है कि वो किसी शख्स या आरोपी के खिलाफ रेड नोटिस को रद्द कर दे।

डोमिनिका की जेल में चोकसी को 51 दिन गुजारने पड़े थे
CBI की चार्जशीट में चोकसी के अलावा नीरव मोदी का भी नाम है। चोकसी मई 2021 में एंटीगुआ से गायब होकर पड़ोसी देश डोमिनिका पहुंच गया था। यहां उसे अरेस्ट कर लिया गया। CBI की एक टीम उसका प्रत्यर्पण कराने के लिए डोमिनिका पहुंची, लेकिन इसके पहले ही ब्रिटिश क्वीन की प्रिवी काउंसिल से उसे राहत मिल गई। बाद में उसे फिर एंटीगुआ के हवाले कर दिया गया। हालांकि, डोमिनिका की जेल में 62 साल के चोकसी को 51 दिन गुजारने पड़े थे।

यहां उसने दलील दी थी कि वो एंटीगुआ जाकर वहां के एक न्यूरोलॉजिस्ट से ट्रीटमेंट कराना चाहता है। एंटीगुआ पहुंचने के कुछ दिन बाद डोमिनिका की अदालत ने चोकसी के खिलाफ दर्ज केस भी खारिज कर दिए।

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