भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 12 सितंबर, रविवार को मोरयाई छठ व्रत किया जाएगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इसे सूर्य षष्ठी व्रत या मोर छठ के नाम से भी जाना जाता है। माेर छठ का व्रत पूरी तरह भगवान सूर्य को समर्पित है, इस दिन सूर्य उपासना एवं व्रत रखने का विशेष महत्व हाेता है।
मोरियाई छठ पूजन विधिः इस दिन सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर लाल चंदन व केसर से भगवान सूर्य की प्रतिमा बनाएं । प्रतिमा पर भगवान सूर्य को प्रिय वस्तुएं जैसे लाल चंदन, लाल फल, लाल वस्त्र आदि चढ़ाएं, घी का दीपक जलाएं। इस दिन सूर्य देव के विभिन्न नाम तथा मंत्रों का जाप अवश्य करें। ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें। सुबह भगवान सूर्यनारायण को एक तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल कुमकुम, लाल रंग के पुष्प डालकर अर्घ्य दें। पूजन के पश्चात शाम को चीनी, घी, फल, द्रव्य दक्षिणा वस्त्र ब्राह्मण को दान करना चाहिए।
सूर्य पूजन करने से हाेता है लाभः इस व्रत व पूजन को करने से नेत्र रोग से मुक्ति मिल जाती है, तथा कोढ रोग भी दूर होता है। जिन लोगो की कुंडली मे सूर्य नीच का है या शुभ नही है, उन्हें इस दिन व्रत करने व सूर्य की पूजा करने से लाभ होगा। यदि कुंडली मे ग्रहण योग बना है यानी कि सूर्य के साथ राहु बैठा हो या द्रष्टगत हो, उसे भी लाभ प्राप्त होता है।
वीआइएसएम में खुशियां बांटने आए गणेशः वीआइएसएम ग्रुप आफ स्ट्डीज में गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई। इससे पहले कैंपस में चल समारोह निकाला गया। दस दिन तक चलने वाले समारोह के अंतर्गत कई कार्यक्रम होंगे। इस मौके पर संस्थान के चेयरमैन डा. सुनील कुमार राठौर, चेयरपर्सन सरोज राठौर, ग्रुप निदेशक डा. प्रज्ञा सिंह और वीआइएसएम हास्पिटल के इंचार्ज के साथ विद्यार्थियों की मौजूदगी रही।