यूरोप में अमेरिका के कई मिलिट्री बेस कथित तौर पर आतंकवादियों के निशाने पर हैं। आतंकवादी हमले के अंदेशे की रिपोर्ट मिलने के बाद अमेरिकी सैन्य अड्डों को अलर्ट कर दिया गया है दो अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि यूरोप में कई अमेरिकी सैन्य ठिकानों को इस वीकएंड में उच्च अलर्ट पर रखा गया है। इन मिलिट्री बेस में सिक्योरिटी लेवल को उच्चतम स्तर पर बढ़ा दिया गया है। ऐसी आशंका है कि कि आतंकवादी अमेरिकी सैन्य कर्मियों या फैसिलिटी को निशाना बना सकता है। इसे देखते हुए सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया है।
10 साल में पहली बार इस तरह का अलर्ट
यूरोप में एक बेस पर तैनात एक अमेरिकी अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि उन्होंने कम से कम बीते 10 वर्षों में इस स्तर का खतरा नहीं देखा है। इस तरह के अलर्ट का मतलब है कि सेना को हमले से जुड़ी विश्वसनीय जानकारी मिली है। यूएस यूरोपीय कमांड के प्रवक्ता कमांडर डैन डे ने सुरक्षा स्तरों में बदलाव पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन उन्होंने कहा कि विदेश में अमेरिकी सैन्य अड्डों की सुरक्षा में भूमिका निभाने वाले सभी पहलुओं का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपने सेवा सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम कई अतिरिक्त कदम उठाते हैं।
इस संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है कि किस खुफिया सूचना के आधार पर सुरक्षा बढ़ाई गई है लेकिन यूरोपीय अधिकारियों ने संभावित आतंकवादी खतरे की चेतावनी दी है। विशेष रूप से जुलाई में पेरिस ओलंपिक से पहले और जर्मनी में चल रही यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप के दौरान हमले का डर है। जर्मन सरकार ने सुरक्षा पुख्ता करने में जर्मन अधिकारियों की मदद के लिए 580 अंतरराष्ट्रीय पुलिस अधिकारियों को भी बुलाया है। गृह मंत्री नैंसी फेसर ने टूर्नामेंट से कहा है कि हम खुद को सभी संभावित खतरों के लिए तैयार कर रहे हैं।