लालबर्रा तहसील कार्यालय के रीडर गर्रा निवासी ५५ वर्षीय पेमेन्द्र हरिनखेड़े ३ नवंबर को दोपहर १ बजे से लापता थे जिनकी गुम शुदगी की रिपोर्ट वारासिवनी थाने में परिजनों के द्वारा दर्ज की गई थी जिस पर वारासिवनी पुलिस के द्वारा पतासाजी की जा रही थी और श्री हरिनखेड़े के परिजनों ने रटेगांव उपसरपंच कुलदीप मर्सकोले पर अपहरण या हत्या किये जाने का संदेह व्यक्त किया था। जिसके बाद वारासिवनी पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कुलदीप को अभिरक्षा में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई जिस पर उसने पुलिस को घटनाक्रम की जानकारी दी। जिस पर वारासिवनी एवं लालबर्रा पुलिस ने कुलदीप मर्सकोले के द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर ५ नवंबर को दोपहर १२ बजे रटेगांव पहुंचकर मंतुराबाई के खेत स्थित कुएं के अंदर से लालबर्रा तहसील कार्यालय के रीडर पेमेन्द्र हरिनखेड़े की लाश बरामद की। इस तरह हत्यारे ने पेमेन्द्र हरिनखेड़े की हत्या करने के बाद लाश को पत्थर से बांधकर स्कूटी सहित गांव से आधे किमी. दूर झाडिय़ों के बीच स्थित कुएं के अंदर फेंक दिया था ताकि किसी को संदेह न हो सके। लालबर्रा तहसील कार्यालय के रीडर श्री हरिनखेड़े की हत्या करने के बाद कुएं के अंदर से लाश मिलने की जानकारी रटेगांव सहित आसपास क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और घटना स्थल में देखने वालों की भीड़ लग गई। पुलिस ने मृतक पेमेन्द्र हरिनखेड़े के परिजनों व ग्रामीणजनों की मदद से कुएं के अंदर से शव को बाहर निकालकर आवश्यक कार्यवाही कर पोस्टमार्टम के लिए लाश वारासिवनी अस्पताल लेकर गये जहां चिकित्सक के द्वारा पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार के लिए शव परिजनों को सौंप दिया है एवं पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं मृतक के परिजनों एवं रिस्तेदारों का आरोप है कि इस हत्याकांड में कुलदीप मर्सकोले सहित उनके परिजन एवं अन्य लोग भी शामिल है और हत्या करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्यवाही करने की मांग की है।
शेयर बाजार में लगाये गये रूपये के लेन-देन को लेकर की गई है हत्या
आपकों बता दें कि लालबर्रा तहसील कार्यालय में पदस्थ रीडर पेमेन्द्र हरिनखेड़े का मुल निवास सालईकला बरघाट एवं हाल मुकाम गर्रा है जो लंबे समय से लालबर्रा तहसील कार्यालय में नायब नाजिर के पद पर पदस्थ थे और अपनी पत्नि के साथ गर्रा में रहता था। ६ माह पूर्व लोकायुक्त टीम जबलपुर ने श्री हरिनखेड़े को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। जिसके बाद से उन पर केस चल रहा था और उन्हे अनुविभागीय कार्यालय वारासिवनी अटैच किया गया था। साथ ही यह भी जानकारी है कि मृतक पेमेन्द्र हरिनखेड़े शेयर बाजार में रूपये लगाता था जो ३ नवंबर को दोपहर १ बजे रटेगांव निवासी कुलदीप मर्सकोले के घर रूपये लेने जा रहा हूं कहकर घर से निकला था परन्तु देरशाम तक वापस नही लौटने एवं मोबाईल बंद होने पर परिजनों ने वारासिवनी थाने में गुम शुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी साथ ही उसकी आसपास एवं रिस्तेदारी में भी पतासाजी की गई परन्तु कही कुछ पता नही चला। जिसके बाद वारासिवनी पुलिस ने श्री हरिनखेड़े के परिजनों के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रटेगांव उपसरपंच कुलदीप मर्सकोले को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की गई तब जाकर इस हत्या का खुलासा हुआ है। वहीं जानकारी यह भी है कि रटेगांव उपसरपंच कई दिनों से शेयर बाजार में रूपये लगाने का काम कर रहा था जिसके पास आसपास के लोग जमा पूंजी शेयर बाजार में लगाने के लिए लाते थे जिसकी जानकारी पुलिस व ग्रामीणों को भी नही थी और कुलदीप मर्सकोले से पेमेन्द्र हरिनखेड़े सहित अन्य लोगों को भी रूपये लेना था जिससे वह मानसिक रूप से परेशान था। इसी के चलते लालबर्रा तहसील कार्यालय के रीडर की हत्या करने की संभावना व्यक्त की जा रही है और इस शेयर बाजार में खैरलांजी के दुर्गेश बिसेन का भी नाम सामने आ रहा है जिससे वारासिवनी पुलिस पूछताछ कर रही है और इस पूछताछ में इस शेयर बाजार को चलाने वाले बड़े गिरोह का भी खुलासा हो सकता है। वहीं इस हत्या काण्ड को अंजाम देने में कुलदीप के अलावा अन्य लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है। पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है।
चर्चा में एसडीओपी अभिषेक चौधरी ने बताया कि लालबर्रा तहसील कार्यालय के रीडर गर्रा निवासी पेमेन्द्र हरिनखेड़े विगत ६ माह से निलंबित थे, ३ नवंबर को परिजनों ने गुम सूचना की रिपोर्ट वारासिवनी थाने में दर्ज करवाई थी और उन्होने बताया था कि रटेगांव निवासी कुलदीप मर्सकोने के घर गये है जिसके बाद परिजनों के संदेह पर कुलदीप को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की गई है जिसमें रूपये को लेकर विवाद होने की बात कही जा रही है, ५ नवंबर को रटेगांव निवासी मंतुराबाई के खेत स्थित कुएं से पेमेन्द्र हरिनखेड़े की लाश बरामद की गई है, पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया है एवं मर्ग कायम कर मामले की जांच की जा रही है।